लखनऊ डेस्क। समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में अब कोर्ट 14 मार्च को फैसला सुनाएगा। NIA की पंचकूला कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रही है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान असीमानंद समेत चारों आरोपी पेश हुए।
जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के एक एडवोकेट मोमिन मलिक ने NIA की अदालत में अर्जी दायर की है। जिसमें उसने दावा किया है कि उसके पास समझौता ब्लास्ट केस के सबूत हैं, जिसके बाद जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
बता दें कि घटना के 12 साल बाद इस मामले में फैसला आना था। इस ब्लास्ट में 68 लोगों की जान चली गई थी और 19 कब्रों को आज तक पहचान का इंतजार है।
वहीं मामले के आरोपियों में से ब्लास्ट के कथित मास्टरमाइंड सुनील जोशी की हत्या हो गई थी और तीन को पीओ घोषित कर दिया गया था। अब स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी आरोपी हैं। असीमानंद बेल पर हैं, जबकि अन्य तीन न्यायिक हिरासत में हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 की रात को बम धमाका हुआ था। इसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी। 13 लोग घायल हो गए थे। मारे गए ज़्यादातर लोग पाकिस्तानी नागरिक थे।
ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी। धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। मृतकों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे। विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था।