जुबिली न्यूज डेस्क
देश में कोरोना कहर बरपा रहा है। हर दिन लाखों की संख्या में कोरोना पॉजिटिव के मामले आ रहे हैं। अस्पतालों पर बोझ बढ़ गया है जिसकी वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।
कोरोना की मार से हर कोई जूझ रहा है। एक ओर परिजन अपने मरीजों को लेकर हलकान हो रहे हैं तो दूसरी ओर अस्पतालों में हेल्थ वर्कर सीमित संसाधनों से जूझ रहे हैं।
वहीं इसी बीच केंद्र सरकार ने कोरोना वॉरियर्स को मिलने वाली बीमा योजना को वापस ले लिया है। इस योजना के तहत ड्यूटी में हेल्थ वर्कर्स की मौत होने पर परिजनों को 50 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है।
ये भी पढ़े: ये हैं कोरोना के 5 लक्षण, फौरन करे अस्पताल का रुख
ये भी पढ़े: UP के स्वास्थ्य मंत्री ने भी माना बेड की है कमी
मोदी सरकार ने इस योजना को मार्च 2020 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य कोरोना हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा मुहैया कराना था जिससे कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर उनके परिवार की देखभाल हो सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रदेश सरकारों को इसको लेकर एक पत्र भी लिखा है। स्वास्थ्य सचिव ने ये पत्र 24 मार्च को लिखा था, जो अब सामने आया है।
24 मार्च को लिखे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है, “इस बीमा योजना को शुरू में 90 दिन के लिए लागू किया गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 24 मार्च 2021 तक कर दिया गया था।”
ये भी पढ़े: रेमडेसिविर इंजेक्शन के जमाखोरों के खिलाफ लगा एनएसए
ये भी पढ़े: कोरोना नियमों का पालन करने के सवाल पर शाह ने क्या कहा?
उन्होंने आगे लिखा है कि कोरोना के इस दौर में इस योजना ने ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के परिवार को राहत देने का काम किया है। इस लेटर में इस बीमा योजना को बढ़ाने का जिक्र नहीं किया है। मतलब 24 मार्च 2021 को ये योजना खत्म हो गई है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत स्वास्थ्यकर्मियों के लिए यह बीमा योजना शुरू की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने राज्यों को भेजे सर्कुलर में कहा कि यह योजना 24 मार्च को खत्म हो जाएगी। इसके तहत तब तक केवल 287 दावों का निपटारा किया गया था। इस योजना के तहत करीब 22 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है।
ये भी पढ़े: दिल्ली में 6 दिन का लॉकडाउन
ये भी पढ़े: कोरोना नियमों का पालन करने के सवाल पर शाह ने क्या कहा?
पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना को शुरुआत में 90 दिन के लिए लागू किया गया था, लेकिन बाद में इसको बढ़ाकर 24 मार्च 2021 कर दिया गया था। इस स्कीम के तहत न सिर्फ सरकारी, बल्कि प्राइवेट डॉक्टरों को भी कवर किया गया था।