जुबिली न्यूज़ डेस्क
कोरोना महामारी की वजह से इस साल लोगों को कई तरह की नई नई समस्याएं पैदा हो गयी हैं। इस बीच बच्चों की सेहत को लेकर एक बहुत ही चौकाने वाला खुलासा सामने आया है। देश के 20 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 5 साले से कम बच्चों में मोटापा बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। इस बात का खुलासा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की हालिया रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, 20 राज्यों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा है। 2015-16 में किए गए एनएफएचएस-4 की तुलना में एनएफएचएस-5 में स्थिति ज्यादा खतरनाक हो गयी है। महाराष्ट्र, गुजरात, मिजोरम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसी जगहों पर तो मोटापे की समस्या बहुत तेजी से फ़ैल रही है। हालांकि गोवा, दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव में इस मामले में कमी दर्ज की गयी है।
इन राज्यों में सबसे ज्यादा लद्दाख में करीब 13.4 फीसद बच्चे मोटापे का शिकार हुए हैं। वहीं लक्षद्वीप में 10.5 फीसद, मिजोरम में 10 फीसद तथा जम्मू-कश्मीर और सिक्किम में 9.6 फीसद बच्चों में मोटापा देखा गया।
वयस्कों की हालत भी बेहतर नहीं
बच्चों के साथ इस मामले में वयस्कों की हालत भी कुछ कम नहीं है। 16 राज्यों में महिलाओं में और 19 राज्यों में पुरुषों में मोटापा बढ़ा है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में सर्वाधिक 38 फीसद महिलाएं मोटापे का शिकार हुई हैं।बता दें कि महिलाओं एवं पुरुषों में मोटापे का आकलन उनके बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) के आधार पर और बच्चों में लंबाई और वजन के अनुपात के आधार पर किया गया।
इस वजह से बढ़ रही समस्या
इस मामले में जानकार विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों और बड़ों में गलत खानपान और शारीरिक गतिविधियां कम होने की वजह से मोटापा बढ़ रहा हैं। पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन एंड डेवलपमेंट सेंटर की फाउंडर डायरेक्टर शीला वीर ने बताती है कि लोगों में खानपान की अच्छी आदतों के बारे में जानकारी बहुत कम है। हाई फैट और हाई शुगर वाले खाद्य पदार्थो की आसान उपलब्धता भी मोटापे का कारण बन रही है।
वो कहती हैं कि कोरोना महामारी के कारण लोगों ने घर से निकलना बेहद कम कर दिया है। बच्चों के स्कूल भी बंद हैं। इन कारणों से भी शारीरिक गतिविधियां कम हुई हैं, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ा है।