- तालाबंदी के दौरान ज्यादा स्वस्थ हुए लोग
- केजीएमयू की पाइलट स्टडी में हुआ खुलासा
- तालाबंदी ने लोगों का बदला नजरिया
जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हुई तालाबंदी से जहां आर्थिक स्तर पर नुकसान हुआ तो वहीं इसके कुछ फायदे भी दिखे हैं। दो महीने की तालाबंदी ने लोगों का नजरिया बदला तो वहीं यह सेहत के लिए वरदान साबित हुई। लोगों को वक्त मिला तो उन्हें सेहत से लेकर रिश्ते-परिवार और हॉबी के बारे में सोचने का मौका मिला। इसका नतीजा हुआ कि तालाबंदी में लोग सेहतमंद हुए।
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एक सर्वे में पता चला है कि तालाबंदी से जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है। लोग अपनी सेहत पर खासा ध्यान दे रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, 80 फीसदी लोगों को कोई बीमारी नहीं है।
केजीएमयू के जीरियॉटिक ऐंड मेंटल हेल्थ विभाग के सर्वे में यह नतीजे सामने आए हैं। यह एक पाइलट स्टडी थी, जिसमें लोगों से ऑनलाइन प्रश्नावली भरवाई गई। इसमें देश के 12 राज्यों करीब एक हजार लोग शामिल हुए थे।
जीरियॉटिक ऐंड मेंटल हेल्थ विभाग की डॉ. निशा मणि त्रिपाठी की देखरेख में यह शोध हुआ है। इसमें डॉ. राकेश त्रिपाठी और शोधार्थी पल्लवी, दीक्षा और स्नेहल ने सहयोग किया है।
डॉ. निशा के मुताबिक इस शोध में सामने आया कि 54 फीसदी लोग ऐसे पाए गए जो पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कर रहे हैं जबकि 26 फीसदी का स्वास्थ्य अवसत (जिनको कोई गंभीर बीमारी नहीं) रहा। इसके अलावा 67 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह रोज कसरत करते हैं तो वहीं 30 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने अपने व्यायाम के समय में इजाफा कर दिया है। वहीं 48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह अपनी हॉबी को समय दे रहे हैं।
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खान-पान में हुआ सुधार
स्टडी के मुताबिक तालाबंदी के दौरान लोगों के खान-पान में काफी सुधार आ गया है। लोगों का देर से या गलत समय पर खाना बंद
हुआ है। 35 फीसदी ने स्वीकारा कि उन्होंने अपना डाइट प्लान बदला है। यह भी लोगों के स्वास्थ सुधरने की ओर ही इशारा कर रहा है।
सोशल मीडिया पर दे रहे हैं ज्यादा समय
शोध के मुताबिक तालाबंदी के दौरान कामधाम बंद होने की वजह से लोग खाली हुए तो अपने को व्यस्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिए। इस दौरान लोगों ने सोशल मीडिया पर ज्यादा समय दिया। अभी भी जो लोग घरों में वह सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिता रहे हैं।
सर्वे के दौरान 35 फीसदी ने स्वीकारा कि वह पहले से ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं। वहीं, 57 फीसदी ने माना कि मोबाइल और लैपटॉप का उपयोग वह पहले से ज्यादा कर रहे हैं। इसके उपयोग का समय दोगुना हो गया है।
ये भी आया सामने
सर्वे के दौरान कई और खुलासे हुए। इसमें 70 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने तालाबंदी का पूरी तरह पालन किया तो वहीं 81 फीसदी ने कहा, इससे उनका शेड्यूल पूरी तरह प्रभावित हुआ है।
सर्वे में 50 फीसदी लोगों ने कहा कि तालाबंदी की वजह से उनकी आय के स्रोत प्रभावित हुए तो वहीं 20 प्रतिशत ने कहा, इससे मानसिक तनाव थोड़ा बढ़ गया है। और हां 25 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि इस दौरान घरेलू झगड़े भी बढ़े।
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