जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. बिहार में कोरोना से जान गंवाने वालों के आश्रितों को सरकार ने मुआवजा बांटना शुरू कर दिया है. मुआवज़े के लिए मरने वालों के घरों पर फोन कर जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं. भारत सरकार के उपक्रम सेल के जूनियर टेक्नीशियन चन्द्रशेखर के नम्बर पर जीएमसीएच बेतिया के अधिकारी ने फोन किया और चन्द्रशेखर के उस आश्रित का नाम पूछा जिसके नाम पर मुआवज़े का चेक बनाया जाना है. आश्चर्यचकित चन्द्रशेखर बोले मैं खुद चन्द्रशेखर बोल रहा हूँ. मैं जिन्दा हूँ फिर मेरे आश्रित को मुआवजा किस बात का. मैं दफ्तर में हूँ और अपना काम कर रहा हूँ.
चन्द्रशेखर पासवान कोरोना पॉजिटिव हुए थे लेकिन वह ठीक हो गए थे. उन्होंने अपनी ड्यूटी भी ज्वाइन कर ली लेकिन सरकारी आंकड़ों में उन्हें मृत दिखा दिया गया. बिहार में कोरोना से करीब 9500 लोगों की जान गई है. चन्द्रशेखर से बात होने के बाद फोन करने वाला अधिकारी भी हैरान रह गया. उसने इस मामले की जांच का आदेश दिया है कि आखिर कोविड पोर्टल पर जिन्दा आदमी को मुर्दा बताकर कैसे अपलोड कर दिया गया.
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बताया जाता है कि चन्द्रशेखर के मामले से कोरोना पोर्टल की देखरेख करने वालों के होश उड़े हुए हैं. उन्हें पहले इन्सपेक्टर ने फोन किया था और अपनी रिपोर्ट में चन्द्रशेखर को जिन्दा बताया. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सर्किल ऑफिसर ने चन्द्रशेखर से फोन पर बात की. सरकारी नौकरी करने वाला जो व्यक्ति रोजाना ऑफिस जा रहा है उसे मुर्दा दिखाकर उसके नाम पर मुआवज़े का चेक बनाने की तैयारी चल रही थी. इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.