जुबिली न्यूज डेस्क
अद्भुत, बदनाम, असाधारण, जीनियस और ग़ुस्सैल डिएगो अरमांडो माराडोना फ़ुटबॉल के एक ऐसे महानायक जिनमें कई ऐब होने के बाद भी वह हमेशा सबके चहेते बने रहे।
फुटबॉल के सबसे करिश्माई खिलाडिय़ों में से एक अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना हमारे बीच नहीं रहे। बुधवार को हृदयगति रुक जाने से उनका निधन हो गया।
माराडोना जितना फुटबॉल मैदान में चर्चा में रहे उतना ही मैदान के बाहर अपनी जीवन शैली, कोकीन-शराब की लत और कई बच्चों के चलते हमेशा सुर्खियों में बने रहे।
फुटबॉल के सबसे करिश्माई खिलाड़ियों में एक एक माराडोना के पास प्रतिभा, शोखी, नजर और रफ्तार का ऐसा भंडार था, जिससे वो अपने प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध कर देते थे।
माराडोना का जन्म 60 साल पहले अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स के झुग्गी-झोपडयि़ों वाले एक कस्बे में हुआ था। माराडोना सीनियर के आठ संतानों में माराडोना उनके पांचवें बच्चे थे। माराडोना का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा।
माराडोना अपनी गरीबी से लड़ते हुए वो युवावस्था आने तक फुटबॉल के सुपरस्टार बन चुके थे। कुछ लोग तो उन्हें ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले से भी शानदार खिलाड़ी मानते हैं।
माराडोना ने 491 मैचों में कुल 259 गोल दागे थे। इतना ही नहीं, एक सर्वेक्षण में उन्होंने पेले को पीछे छोड़ ’20वीं सदी के सबसे महान फुटबॉलर’ होने का गौरव अपने नाम कर लिया था। फीफा ने साल 2001 में पेले के साथ उन्हें सदी का महानतम खिलाड़ी चुना था।
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माराडोना को छोटे कद के कारण साल 1978 में राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में जगह नहीं मिली थी। वह फीफा वर्ल्ड कप में खेलने से चूक गए, लेकिन इसके बाद 1982, 1986, 1990 और 1994 में माराडोना ने फीफा वर्ल्ड कप में भाग लिया। मेक्सिको में हुए 1986 वर्ल्ड कप में उनकी कप्तानी में अर्जेंटीना ने वेस्ट जर्मनी को हराकर खिताब भी जीता। 1990 में उन्होंने टीम को फाइनल में पहुंचाया, हालांकि अर्जेंटीना को हार का सामना करना पड़ा।
ये तो हो गई फुटबॉल से जुड़ी उनकी उपलब्धि। आइये जानते हैं माराडोना के निजी जिंदगी के बारे में जिसकी वजह से वह चर्चा में रहे।
माराडोना के पिता आस-पास के गांवों घूम-घूमकर मवेशी बेचा करते थे। बाद में उन्होंने एक केमिकल फैक्ट्री में नौकरी की। माराडोना सिर्फ 15 वर्ष की आयु में ही सुपरस्टार बन चुके थे। उन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल जगत में कदम रख दिया था।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक माराडोना कम से कम 11 बच्चों के पिता थे। हालांकि कानूनी तौर पर वो सिर्फ 2 ही बच्चों के पिता हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने बच्चों पर टिप्पणी की थी कि उनके सिर्फ दो ही वैध बच्चे हैं बाकी सब उनके पैसे और गलतियों का नतीजा हैं। पिछले साल उन्होंने स्वीकार किया था कि क्यूबा में भी उनके तीन बच्चे हैं।
साल 2004 में पत्नी से हुआ तलाक
माराडोना अपनी पत्नी क्लाउडिया विलफाने से मिले जब वह सिर्फ 17 साल की थीं। 10 साल के लंबे रिलेशनशिप के बाद माराडोना ने 1989 में क्लाउडिया से शादी की। हालांकि उनके रिश्ते का सुखद अंत नहीं हुआ। कोर्ट के माध्यम से दोनों साल 2004 में तलाक ले लिया था। मारोडना अपनी पत्नी क्लाउडिया से दो बेटियों के पिता थे।
ड्रग्स और शराब में फंसे माराडोना
बार्सिलोना और नेपोली जैसे नामी फ़ुटबॉल क्लबों के लिए भी माराडोना खेले और इन क्लबों के हीरो कहलाए। साल 1982 में वो तीन मिलियन पाउंड में स्पेन के फुटबॉल क्लब बार्सिलोना और इसके दो साल बाद पांच मिलियन पाउंड में इटली के क्लब नेपोली में शामिल हुए।
हेलिकॉप्टर में सवार जब माराडोना होकर इटली के सान पाओलो स्टेडियम पहुंचे तो वहां 80 हजार से ज़्यादा प्रशंसक अपने नए हीरो का स्वागत करने के लिए मौजूद थे।
उन्होंने अपने करियर का सबसे अच्छा क्लब फुटबॉल इटली में ही खेला और वहां उन्हें अपने प्रशंसकों से ख़ूब प्रसिद्ध मिली।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक माराडोना को इटली में इतनी शोहरत मिली को वो इससे तंग तक आ गए। एक बार उन्होंने कहा था, “यह एक बेहतरीन जगह है लेकिन मैं यहां मुश्किल से सांस ले पाता हूँ। मैं आजाद और बेफिक्र होकर इधर-उधर घूमना चाहता हूँ। मैं किसी आम इंसान की तरह ही हूं। ”
इस बीच उन्हें कोकीन की लत लग गई थी और उनका नाम इटली के कुख्यात माफिया संगठन कैमोरा से भी जुड़ गया था।
साल 1991 में माराडोना एक डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए और अगले 15 महीनों के लिए उन्हें फ़ुटबॉल से प्रतिबंधित कर दिया गया।
इसके बाद साल 1994 में अमरीका में होने वाले फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप में माराडोना को प्रतिबंधित ड्रग एफ़ेड्रिन लिए पाया गया था। इसके बाद बीच टूर्नामेंट में ही उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया।