जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे डॉक्टर को गिरफ्तार किया है जिसका पेशा लोगों की जान बचाना नहीं बल्कि जान लेना है. वह अब तक कितने कत्ल कर चुका है उसे खुद भी नहीं मालूम. पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि 50 कत्ल के बाद उसने गिनती गिनना छोड़ दिया था.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के पुरेनी गाँव के रहने वाले डॉक्टर देवेन्द्र शर्मा ने बिहार के सीवान जिले से बीएएमएस की डिग्री हासिल की थी. डॉक्टर बनने के बाद उसने जयपुर में क्लीनिक खोल लिया और लोगों का इलाज करने लगा. डॉक्टर बन जाने के बाद उसने अपनी आय बढ़ाने के लिए उसने 1992 में 11 लाख रुपये लगाकर गैस एजेंसी खोली लेकिन घाटा हो गया और एजेंसी बंद हो गई.
गैस एजेंसी बंद हो जाने के बाद उसके दिमाग में सोया शातिर शख्स जाग गया. 1995 में उसने अपने शहर अलीगढ़ के छारा गाँव में फर्जी गैस एजेंसी खोल ली. इस फर्जी गैस एजेंसी में सिलेंडर लाने का तरीका भी उसने खोज लिया. उसने एक गिरोह बनाया और हाइवे पर गैस ले जा रहे ट्रकों को लूटना शुरू कर दिया. ट्रक के ड्राइवर की हत्या करने के बाद ट्रक पर लदे सिलेंडर अपनी फर्जी गैस एजेंसी पर पहुंचा देता था. हत्याएं करते-करते उसने किडनी बेचने का धंधा भी शुरू कर दिया. वह जिसकी हत्या करता उसकी किडनी निकालकर बेच देता. दिल्ली और उसके आसपास उसने 50 से ज्यादा ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर उनकी किडनी बेच ली. 1994 में देवेन्द्र किडनी प्रत्यारोपण गिरोह में जुड़ गया था. दस साल तक लगातार वह हत्याएं करता रहा और किडनी सप्लाई करता रहा. 2004 में किडनी प्रत्यारोपण गिरोह से जुड़े अन्य डॉक्टरों के साथ देवेन्द्र भी पकड़ा गया और जेल चला गया.
62 वर्षीय देवेन्द्र जेल से पेरोल पर बाहर आया तो फरार हो गया और फिर से अपने पुराने धंधे में लग गया. खुद को साफ़-सुथरा दिखाने के लिए उसने रियल स्टेट का कारोबार शुरू कर दिया. पेरोल की अवधि खत्म होने के बाद वह जेल नहीं लौटा तो उसकी तलाश शुरू हुई. छह महीने की तलाश के बाद वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
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देवेन्द्र पर पुलिस को शक है कि उसने 100 से ज्यादा हत्याएं की है लेकिन एकदम सही संख्या नहीं बताई जा सकती क्योंकि देवेन्द्र ने खुद 50 हत्याओं के बाद गिनना ही छोड़ दिया था. उसने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में हत्याएं कर शव से किडनी निकाली हैं. डॉक्टर देवेन्द्र ने बताया कि किडनी बेचने के मामले में वह कई राज्यों की जेलों में रह चुका है. उसे दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर बपरोला में पकड़ा गया है. पेरोल पर छूटने के बाद वह यहीं रहकर रियल स्टेट के कारोबार से जुड़ गया था.