जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के नन्दूबार जिले में एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाई जा रही महिला की ज़िन्दगी तब खतरे में पड़ गई जब पहाड़ों के बीच से गुज़रती एम्बूलेंस के सामने अचानक से भूस्खलन हो जाने से रास्ता बंद हो गया. बीमार आदिवासी महिला को बचाने के लिए उसके पति ने तत्काल एक बड़ा फैसला लिया और अपनी पत्नी को कंधे पर लादकर पांच किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाया. हालांकि उसके पति की यह साहसिक कोशिश तब नाकाम हो गई जब अस्पताल पहुँचने से ठीक पहले महिला की सांस की डोर टूट गई.
बीमार महिला को अस्पताल के लिए लेकर निकली एम्बुलेंस चंदसैली के पहाड़ों के पास से गुज़र रही थी तभी अचानक से एम्बुलेंस के ठीक सामने भूस्खलन होने से रास्ता बंद हो गया. एम्बुलेंस के ड्राइवर ने फ़ौरन एम्बुलेंस को मोड़ा ताकि दूसरे रास्ते से बीमार महिला को अस्पताल पहुंचा दे लेकिन उसी समय पीछे की तरफ भी भूस्खलन हो गया और एम्बुलेंस इस तरह से फंस गई कि कहीं नहीं जा सकती थी.
ऐसे हालात में भी महिला के पति ने साहस नहीं छोड़ा और पत्नी को कंधे पर लादकर अस्पताल की तरफ तेज़ क़दमों से चल पड़ा. पत्नी को कंधे पर लादे पति पांच किलोमीटर तक लगभग दौड़ता हुआ अस्पताल पहुँच गया लेकिन अस्पताल पहुंचा तो कंधे पर पत्नी की मृत देह थी.
बीजेपी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए महाराष्ट्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किये. बीजेपी ने कहा कि लोग मर रहे हैं और सरकार को कोई चिंता नहीं है.
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