जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश में कोरोना केस कम होने के साथ ही कई राज्यों में लॉकडाउन में ढील दे दी है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही कुछ दवाओं को सूची से हटा दिया है।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के इलाज की सूची से एंटीपाइरेटिक और एंटीट्यूसिव को छोड़कर अन्य सभी दवाएं हटा दी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 27 मई को जारी की गई संशोधित गाइडलाइंस के तहत बिना लक्षण व हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों की ओर से दी जाने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंक, मल्टीविटामिन और अन्य दवाओं को बंद कर दिया है। अब हल्के या बिना लक्षण वाले मरीजों को सिर्फ बुखार के लिए एंटीपाइरेटिक और सर्दी जुकाम के लक्षण के लिए एंटीट्यूसिव ही दी जाएगी।
ये भी पढ़े:पीएम मोदी आज शाम 5 बजे राष्ट्र को करेंगे संबोधित
ये भी पढ़े: 14 महीनों में हर मिनट में 30 नए निवेशकों की हुई शेयर बाजार में एंट्री
गाइडलाइंस में डॉक्टरों को मरीजों के गैर जरूरी टेस्ट बंद करने के लिए भी कहा है, इनमें सीटी स्कैन भी शामिल है। इसी के साथ मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि लोग कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और हाथ धोने जैसी आदत डाल लें।
ये सुझाव दिए गए है
- डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज ने सुझाव दिया कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसे फोन पर कंसल्टेशन लेने और पौष्टिक खाना खाने का भी सुझाव दिया गया है।
- वहीं कोरोना मरीजों और उनके परिजनों को एक-दूसरे से फोन या वीडियो कॉल के जरिये सकारात्मक बातें करने का सुझाव दिया गया है।मंत्रालय ने कहा कि मरीज और उनके परिजन फोन के जरिए एक-दूसरे के साथ जुड़े रहें।
- जिनको कोरोना का कोई लक्षण नहीं है, उनके लिए कोई दवाई नहीं बताई गई है। हालांकि वे किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित न हों।
- हल्के लक्षण वाले मरीजों को खुद से ही बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन लेवल की निगरानी करने को कहा गया है।
- वहीं कोरोना लक्षण वाले मरीज को एंटीपाइरेटिक और एंटीट्यूसिव दवा देने के लिए कहा गया है।
- खांसी के लिए उन्हें बूडसोनाइड की 800 एमसीजी मात्रा दिन में दो बार पांच दिन तक लेनी चाहिए।
ये भी पढ़े:CM योगी की इस घोषणा से PMSA क्यों हुआ नाराज
ये भी पढ़े: 14 महीनों में हर मिनट में 30 नए निवेशकों की हुई शेयर बाजार में एंट्री