जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड को लेकर पुलिस की कार्यशैली लगातार रहस्यमयता को बढ़ाने में लगी है। मामले की एसआईटी जांच शुरू होने के बाद पुलिस ने रेप पीड़िता के गांव को पूरी तरह से सील कर दिया है। जानकारी मिली कि पुलिस ने सभी ग्रामीणों के फोन तक छीन लिए हैं। किसी को गांव के बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं है। मीडिया और राजनीति से जुड़े लोगों को भी गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।
इस बीच हाथरस कांड में पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पीड़िता के गांव में घेराबंदी की गई है। किसी को भी गांव से बाहर आने और बाहर से किसी को गांव में जाने की इजाजत नहीं दी गई है।
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इधर गांव से छिपकर मीडिया के पास आए एक लड़के ने पुलिस-प्रशासन पर फिर से गंभीर आरोप लगाए हैं। लड़के ने कहा है कि पीड़िता के घरवाले मीडिया से बात करना चाहते हैं लेकिन उन्हें घर में कैद कर दिया गया है। सबके मोबाइल छीन लिए गए हैं और उसके ताऊ की छाती पर लात मारी गई है।
खेतों से भागते हुए मीडिया के पास आए एक लड़के ने कहा कि उसे घरवालों से भेजा है। उसे कहा गया है कि मीडिया वालों को बुला लाओ। घरवाले कुछ बात करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें निकलने नहीं दिया जा रहा है।
लड़के ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पुलिस ने घर में घेराबंदी कर रखी है। गांव, गली, घर में…घर के बाहर और घर के छत पर पुलिस तैनात है। किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। मीडिया से बात करने पर पाबंदी है।
लड़के ने बताया कि घर में सभी के फोन छुड़ा लिए गए हैं। किसी के पास फोन तक नहीं है। उसने कहा का फोन छीनकर सबको एक कमरे में बंद कर दिया गया है। सब बहुत डरे हुए हैं। परेशान हैं और रो रहे हैं लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है।
लड़के ने आरोप लगाया, ‘डीएम आए थे। उन्होंने ताऊ की छाती पर लात मारी। वह बेहोश हो गए। उनकी तबीयत खराब है। मैं छिपकर खेतों से यहां तक आया हूं। ताऊ ने कहा कि मीडिया वालों से बात करनी है बुला लाओ।’
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दूसरी ओर हाथरस गैंगरेप केस को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हरकत में आ गई है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार हाथरस के जिलाधिकारी और SP के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। दोनों अधिकारियों पर किसी भी वक्त गाज गिर सकती है. जिस तरीके से हाथरस प्रशासन ने इस पूरे मामले को हैंडल किया है उससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं और जल्द ही कार्रवाई के आसार हैं।
बता दें कि इस पूरे केस में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी ने जिस तरह से कार्रवाई की, उसके बाद से ही वो निशाने पर हैं। DM प्रवीण कुमार पर तो गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं. पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया है।
बताते चले कि गुरुवार को एक वीडियो सामने आया, जिसमें हाथरस के डीएम पीड़ित परिवार को धमकी देते दिख रहे हैं। हाथरस के डीएम कह रहे हैं कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे, लेकिन प्रशासन को यहीं रहना है। हाथरस के पीड़ित परिवार का कहना है कि उनको धमकाया जा रहा है। केस को रफा-दफा करने के लिए दवाब डाला जा रहा है।
पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर भी हाथरस प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं। पीड़िता का रात में अंतिम संस्कार किया गया था। हाथरस प्रशासन इस फैसले पर घिरा है। बीजेपी के अंदर से ही इस फैसले के खिलाफ आवाज उठने लगी है। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि पीड़िता का शव परिजनों को दिया जाना चाहिए था।