जुबिली न्यूज़ डेस्क
हाथरस। देश को झकझोर देने वाले प्रकरण में सीबीआई की टीम ने बुधवार को बिटिया के पिता व दोनों भाइयों को पूछताछ के लिए अपने कैंप कार्यालय पर बुलाया। वहां टीम ने करीब सात घंटे तक इनसे पूछताछ की और फिर घर भिजवा दिया।
इसके बाद सीबीआई की टीम जिला अस्पताल पहुंची, जहां उसे पीड़िता को घटना के बाद सबसे पहले ले जाया गया था। अस्पताल में सीबीआई ने सबूत जुटाने शुरू किए। यहां पर सीबीआई ने 14 सितंबर का सीसीटीवी फुटेज लेना चाहा लेकिन वह बैकअप में नहीं था।
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जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ.आईबी सिंह का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। सीबीआई का कोई अधिकारी उनसे नहीं मिला है। वैसे अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे चालू हैं। उनका ये भी कहना है कि सीसीटीवी कैमरे का बैकअप सिस्टम सात दिन का है। एक माह पुराने फुटेज देना संभव नहीं है।
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डॉक्टरों के बयान दर्ज करने और सबूतों की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम अस्पताल पहुंची थी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटना के पहले दिन की फुटेज महत्वपूर्ण हो सकती थी। एक सूत्र ने कहा कि सीबीआई टीम फुटेज इसलिए चाहती थी ताकि पता हो सके कि पीड़िता को किस समय अस्पताल लाया गया, कब उसे बाहर लाया गया, पीड़िता से मिलने कौन-कौन आया, अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उससे कितने लोगों ने बात की।
यह पूछे जाने पर कि पुलिस और प्रशासन ने पहले फुटेज की मांग क्यों नहीं की, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अपराध से संबंधित मामलों में अस्पताल का मतलब नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘जब तक अस्पताल में कोई अपराध नहीं हुआ हो या लापरवाही नहीं हुई, इससे आपराधिक जांच पर कोई असर नहीं पड़ा। इनके बीच संबंध नहीं है। इसीलिए सीसीटीवी फुटेज पर ध्यान नहीं दिया गया।
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