जुबिली न्यूज़ डेस्क
हाथरस कांड में मीडियाकर्मियों की बड़ी जीत हुई है। कई निजी चैनलों की मुहिम का बड़ा असर देखने को मिला है। हाथरस में प्रशासन ने मीडियाकर्मियों को जाने की अनुमति प्रदान कर दी हैं। उन्हें यूपी पुलिस की पहरेदारी से अब मीडिया मुक्त हो चुके हैं। इस समय मीडिया पीड़ित परिजनों के घर पर पहुंच चुकी हैं।
मीडियाकर्मियों ने पीड़ित परिवार से बात की। इस दौरान पीड़ित परिवार ने यूपी पुलिस पर आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने हमारी बच्ची का शव तक नहीं दिखाया पता नहीं किसकी लाश को जला दिया है। हमे न्याय चाहिए।परिजनों का कहना है कि हमें एसआईटी की टीम पर बिलकुल भरोसा नहीं हैं।
पीडिता की भाभी का कहना है कि हमें डराया धमकाया गया। किसी से बात नहीं करने दी। बाहर नहीं निकलने दिया। परिवार ने डीएम पर भी आरोप लगाए हैं। हम सच बोल रहे हैं इसलिए हम अपना नार्को टेस्ट नहीं कराएंगे। नार्को टेस्ट कराना है तो डीएम और एसपी का कराया जाये। हमे सीबीआई जांच नहीं करानी जो कोर्ट न्याय करेगा।
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इस पूरे मामले में एक बेहद चौकाने वाली बात सामने आई कि बीते दिन एसआईटी की टीम गांव में नहीं आई। इसके बाद भी मीडियाकर्मियों को रोका गया। पुलिसकर्मी लगातार एसआईटी जांच का हवाला देते हुए मीडियाकर्मी को रोका गया।