जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश का चर्चित हाथरस कांड की सीबीआई जांच अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में होगी। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई के दौरान ये आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अभी केस के ट्रायल को राज्य से बाहर शिफ्ट करने से इनकार किया है, साथ ही कहा है कि जब मामले की जांच पूरी हो जाएगी उसके बाद ट्रायल बाहर ट्रांसफर करने पर विचार किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभी इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, ऐसे में तुरंत ट्रांसफर की जरूरत नहीं है। अन्य सभी चीज़ों पर हाईकोर्ट भी अपनी नजर बनाए हुए है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे को स्वीकार किया। जिसमें प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि पीड़िता के परिवार, केस से जुड़े गवाहों को पुख्ता सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। साथ ही केस को सीबीआई के पास ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
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दूसरी तरफ, आरोपी की ओर से पेश वकील ने कहा था कि मामले में साक्ष्य पर बहस नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में होनी चाहिए और वहीं निपटान होना चाहिए हम तो आखिरी मॉनिटरिंग बॉडी हैं।
गौरतलब है कि हाथरस में 14 सितंबर को एक 19 साल की दलित लड़की के साथ 4 युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया था। 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया। प्रशासन ने 30 सितंबर को पीड़िता के घर के नजदीक ही उसकी रातों-रात अंत्येष्टि कर दी थी। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें जल्दबाजी में अंतिम संस्कार के लिए मजबूर किया। हालांकि, स्थानीय पुलिस का कहना है कि ‘परिवार की इच्छा के मुताबिक’ ही अंत्येष्टि की गई।
यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी। बाद में राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई से जांच की सिफारिश की। इस मामले को लेकर योगी सरकार को विपक्षी दलों का काफी विरोध झेलना पड़ा। शुरुआत में पीड़ित के गांव में किसी भी नेता को नहीं जाने दिया गया लेकिन कुछ दिन बाद इजाजत दे दी गई।