जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के ज़रिये नरेन्द्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. सामना ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि जिस दौर में हिन्दुस्तान में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा छुपाये जाने के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर भारत की आलोचना हो रही है उस दौर में भारतीय बैंकों का हज़ारों करोड़ रुपये हज़म कर विदेश भाग गए लोगों की विदेश में गिरफ्तारी का देश में जश्न मनाया जा रहा है और सरकार अपनी पीठ ठोकने में लगी है.
सामना ने न्यूयार्क टाइम्स में छपी एक खबर का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में कोरोना से 70 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए और 43 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. कोरोना की वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत की बात को किसी ने ट्वीटर पर लिख दिया तो ट्वीटर के दिल्ली स्थित मुख्यालय में पुलिस ने छापा मार दिया. सोशल मीडिया प्लेटफार्म के ज़रिये लोग सरकार से सवाल पूछने लगे हैं तो सरकार सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बंद करने पर विचार कर रही है.
सामना ने लिखा है कि भारत के लोगों को इस बात से क्या मतलब है कि मेहुल चोकसी कौन है. उसकी गिरफ्तारी से किसी को क्या लेना देना है. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के 14 हज़ार करोड़ के घोटाले में आरोपित हैं. इन्हें देश में वापस लाने के लिए कानूनी लड़ाई चल रही है. हज़ारों करोड़ रुपये का बैंकों को चूना लगाकर भागे विजय माल्या भी लन्दन में ऐश कर रहे हैं. माल्या को भी भारत में वापस लाने की कानूनी लड़ाई चल रही है. भारत का पैसा हड़प कर विदेश भाग गए इन उद्योगपतियों की विदेश में गिरफ्तारी पर सरकार अपनी पीठ कैसे ठोक सकती है जबकि इनके लिए तो यही शर्मनाक बात है कि यह हमारा पैसा हड़पकर आखिर देश से भाग कैसे गए.
सामना ने उन भक्तों की भी जमकर क्लास लगाईं है जो भारत का पैसा हड़पकर विदेश में आनन्द का जीवन बिता रहे उद्योगपतियों के मामले में सरकार का समर्थन करते हुए कहते हैं कि इन फरार उद्योगपतियों की सम्पत्ति भारत सरकार ने ज़ब्त कर ली है. ज़ब्त की गई इन संपत्तियों की कीमत इनके घोटाले से ज्यादा कीमत की है. सामना ने सवाल उठाया है कि इतने बड़े घोटाले कर अगर कोई विदेश चला गया है तो क्या इसके लिए सरकार ज़िम्मेदार नहीं है. क्या सरकार की मदद के बगैर कोई देश से भाग सकता है.
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सामना ने लिखा है कि पंडित जवाहर लाल नेहरु के समय में मेहनत से खड़े किये गए उद्योग बेचे जा रहे हैं. एयर इण्डिया का हाल बेहाल कर दिया गया. रेलवे को बेच डालने की पूरी तैयारी है. बंगलादेश जैसा छोटा देश अपनी जीडीपी बढ़ाने में लगा है और हमारे अपने देश में कोरोना के ज़रिये सर कलम करने का कत्लखाना खुल गया है.