जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच अब भी जंग जारी है। न रूस पीछे हटने को तैयार है और न ही यूक्रेन के कदम पीछे हट रहे हैं। हर दिन लोगों की जान जा रही है। रूस का हमला यूक्रेन पर कहर बनकर टूट रहा है।
हालांकि अब तक रूस यूक्रेन की सरकार को बदलने और कीव पर कब्जा करने में पूरी तरह से विफल रहा है। इतना ही नहीं हालात तो ऐसे हो गए है कि रूस यूक्रेन के पूर्वी भाग के कुछ इलाकों में सिमटकर रह गया है।
शुरुआती दिनों में रूस के लगातार हमले से यूक्रेन सहम गया था और यूक्रेनी सेना पीछे हटी थी लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल गए है। अब उन जगहों पर फिर एक बार यूक्रेनी सेना का नियंत्रण है।
पूर्वी यूक्रेन में रूस का कब्जा बरकरार है। सुरक्षा थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक माइकल क्लार्क ने कहा, कि मुझे नहीं लगता कि यूक्रेन के पतन की संभावना है।
यूक्रेन को जीत सुनिश्चित करने के लिए जो कुछ भी करना होगा वह करने जा रहे हैं। जंग में कई बार हालात ऐसे बनते हैं जिसमें जब किसी भी पक्ष की हार या जीत नहीं होती है।
बराबरी पर छूट जाता है। हालांकि इस तरह का स्थितियों में एक पक्ष को भारी नुकसान जरूर हो सकता है। कई लोगों का मानना है कि यूक्रेन डोनबास में मौजूदा रूसी आक्रमण का डटकर सामना कर सकते हैं तो आने वाले समय में वो रूस और सख्ती से मुंह तोड़ जवाब दे सकता है। स्कॉटलैंड के सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय में रणनीतिक अध्ययन के प्रोफेसर फिलिप्स भी इस जंग पर अपनी खास नजर बनाये हुए है और उनके मुताबिक ऐसा लगता है कि रूस ने जो एज हासिल किया था उसे खो रहे हैं। लेकिन ब?ा सवाल यही है कि वह किस पॉइंट पर आगे बढना बंद कर देंगे और क्या यूक्रेनी सेना उन्हें पीछे धकेल सकेगी?