जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में अब बेहद कम दिन का वक्त रह गया है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी में पूरी ताकत झोंक दी है।
जहां बीजेपी मजबूती के साथ चुनाव में उतरने को तैयार है तो दूसरी तरफ कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कांग्रेस के कुनबे में पहले से ही रार देखने को मिल रही थी।
इसका नतीजा ये हुआ कि कई ऐसे नेता है जो राहुल गांधी के खास रहे हैं वो भी बीच मेंं ही उनको छोडक़र चलते बने और फिर बीजेपी के पाले में जा चुके हैं। वहीं कांग्रेस पूरे विपक्ष को एक कर मोदी को रोकने के लिए काम कर रही थी लेकिन विपक्षी एकता बुधवार को और कमजोर पड़ गई जब ममता बनर्जी ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर डाला। उनके इस ऐलान से कांग्रेस अब अलग-थलग पड़ी हुई नजर आ रही है।
कहा तो ये भी जा रहा है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया अब पूरी तरह से टूटने की कगार पर है क्योंकि ममता के इस फैसले के बाद अखिलेश यादव और केजरीवाल भी कांग्रेस के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
ममता के ऐलान के बाद आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने के संकेत दे डाले हैं जबकि अखिलेश यादव लगातार कांग्रेस पर दबाव की राजनीति कर रहे हैं जबकि नीतीश और लालू ने अभी तक कांग्रेस से सीधे तौर पर बात नहीं की है।
राहुल गांधी की यात्रा को लेकर विपक्षी दलों में कोई खास उत्साह नहीं देखा जा रहा है। ममता बनर्जी के इस एकला चलो दांव ने नीतीश और अखिलेश जैसे नेताओं को एक बार फिर कांग्रेस पर दबाव बनाने का काम कर सकता है।
पश्चिम बंगाल और यूपी-बिहार की सियासत में कांग्रेस अपने लिए ज्यादा सीट की चाहत रखती है लेकिन ममता, अखिलेश व नीतीश के साथ-साथ केजरीवाल किस भी तरह से ज्यादा सीट देने के पक्ष में नहीं हैं।