जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। लोकसभा चुनाव 2024 में होने वाला है। कांग्रेस से लेकर बीजीपी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। दूसरी तरह बीजेपी को रोकने के लिए पूरा विपक्ष एक हो गया है ।
विपक्ष को एक करने में नीतीश कुमार का बड़ा योगदान है। नीतीश कुमार ने हाल फिलहाल में कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की और फिर जाकर सारे विपक्षी नेता एकजुट हुए लेकिन वहीं नीतीश कुमार अब विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन से दूरी बनाते नज़र आ रहे है।
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज हरियाणा के कैथल में होने वाले आज इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के कार्यक्रम में साहिल नहीं होने का फैसला किया है।
यह कार्यक्रम इनेलो पूर्व उपमुख्यमंत्री ताऊ देवीलाल की जयंती पर कर रही है जिसमें विपक्षी I.N.D.I.A गठबंधन के नेता भी पहुंच रहे हैं।
इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में जाने का फैसला किया है। इसके बाद एक बार फिर अटकले लगनी शुरू हो गई है।
नीतीश के इस कदम पर जेडीयू की तरफ से सफाई दी गई है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार पुरखों का सम्मान करते हैं।
जरूरी और अहम बात ये है कि नीतीश कुमार ने आज ही कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है जबकि बिहार में आमतौर पर कैबिनेट की बैठक मंगलवार को होती है। इससे पहले नीतीश कुमार कल जेडीयू दफ्तर पहुंचे थे जहां उनको कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी और फिर यहां से वह राबड़ी देवी के आवास चले गए थे।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सन 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे थे। मौजूदा वक़्त में भी पं. दीनदयाल उपाध्याय बीजेपी के मार्गदर्शक रहे हैं। ऐसे नीतीश कुमार के इस कदम के कई तरह मायने निकाले जा रहे है।
इसके अलावा जी 20 सम्मेलन में शामिल होने आए राष्ट्राध्यक्षों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आयोजित डिनर में नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात की जिसको लेकर विपक्ष काफी परेशान हो गया था।