Saturday - 2 November 2024 - 7:12 PM

क्या महंगाई कम हो गई? जानिए हकीकत

जुबिली न्यूज डेस्क

महंगाई की मार से जनता परेशान है। लेकिन राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अगस्त में आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिली है। वहीं जुलाई की तुलना में मामूली कमी आई है। लेकिन सालाना आधार पर अब भी काफी ज्यादा है। खासकर महंगे टमाटर ने भारत में वेजिटेरियन थाली को खासा महंगा कर दिया।

बता दे कि अगस्त में सालाना आधार (YoY) पर 24% महंगी हुई वेजिटेरियन थाली की कीमत बढ़ने का 21% कारण टमाटर की महंगाई को माना जा सकता है। क्रिसिल ने अपने फूड प्लेट कॉस्ट के मंथली इंडिकेटर ‘रोटी राइस रेट रिपोर्ट’ में यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ऐसा दूसरी बार देखने को मिल रहा है कि भारत में वेज थाली का दाम बढ़ा हो। थाली की कीमत में 24% का इजाफा करने में मुख्य वजह रहे टमाटर के दाम में 176 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

जुलाई में वेज थाली की कीमत 28 परसेंट  बढ़ी

इससे पहले जून की तुलना में जुलाई में वेज थाली की कीमत में 28 परसेंट की बढ़ोतरी हुई थी। जुलाई में लगातार तीसरे महीने वेज थाली की कीमत में तेजी आई थी। लेकिन सालाना आधार पर यह पहली बार बढ़ी थी। जुलाई में नॉन-वेज थाली की कीमत में भी 11 परसेंट तेजी आई थी।

जानें पिछले साल की अपेक्षा कितनी बढ़ेतरी

पिछले साल अगस्त में टमाटर का दाम 37 रुपये प्रति किलोग्राम था जो इस साल बढ़कर 102 रुपये पहुंच गया। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, प्याज की कीमत में 8%, मिर्च की कीमत में 20% और जीरे की कीमत में 158% की तेजी आई। वेजिटेबल ऑयल की कीमत में 17% और आलू की कीमत में 14% की गिरावट से महीने-दर-महीने आधार पर दोनों थालियों की कीमत में कुछ हद तक कम देखने को मिली है।

सितंबर में मिलेगी राहत

क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में थाली की लागत में कुछ कमी देखी जा सकती है। क्योंकि, टमाटर की रिटेल प्राइस महीने-दर-महीने आधार पर आधी होकर 51 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। इसके अलावा 14.2 किलोग्राम वाले LPG सिलेंडर की कीमत सितंबर में घटकर 903 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है, जो अगस्त में 1,103 रुपये थी। इससे कंज्यूमर्स को कुछ हद तक राहत मिली है। सरकार ने हाल में एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये की कटौती की है।

जानें नॉन वेजिटेरियन थाली में कितनी बढ़ोतरी

वहीं नॉन वेजिटेरियन थाली की कीमत अगस्त में सालाना आधार (YoY) पर 13% बढ़ी है। हालांकि, नॉन-वेज थाली की कीमत सालाना आधार पर धीमी गति से बढ़ी है। क्योंकि, ब्रॉयलर यानी चिकन की कीमत सालभर में 1 से 3% ही बढ़ी है। नॉन-वेज थाली की टोटल कॉस्ट में ब्रॉयलर की हिस्सेदारी 50% की होती है। सब्जियों और अनाज की कीमत में तेजी के कारण जुलाई में खुदरा महंगाई 7.4 परसेंट पर पहुंच गई थी जो जून में 4.9 परसेंट थी। बार-बार बढ़ती महंगाई पर आरबीआई ने भी चिंता जताई है। जुलाई की तुलना में अगस्त में वेज थाली कुछ सस्ती हुई है।
Radio_Prabhat
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