बिहार के बाद अपने सहयोगी दलों की तरफ से भी जाति जनगणना की मांग किए जाने के बाद बीजेपी ने अपने कमर कसने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। जिस तरीके से विपक्षी नेता ओबीसी वोट बैंक को लुभाने के लिए जीजान से लगे हैं उसे देखते हुए बीजेपी अब सतर्क हो गई है। राहुल गांधी की ‘जितनी आबादी, उतना हक’ बयान के बाद भगवा दल जमीनी स्तर पर ओबीसी समुदाय को लुभाने के लिए अब अपनी योजनाओं का जिक्र करेगी।
पिछले दो चुनावों से ओबीसी बिरादरी बड़े पैमाने पर बीजेपी के साथ रही है। लेकिन बिहार में जाति जनगणना के बाद बीजेपी के कान खड़े हो गए हैं। पार्टी अपने इस सबसे भरोसेमंद वोटर्स को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती है। पार्टी की तरफ से ओबीसी वोट के लिए रणनीति बनाने की कमान खुद बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है।
ओबीसी वोटर बने थे बीजेपी की सत्ता की चाभी
2014 हो या 2019 का लोकसभा चुनाव। इन दोनों चुनावों में ओबीसी वोटर ने दिल खोलकर बीजेपी को वोट किया था। 2014 की तुलना में 2019 में तो ओबीसी वोटर्स ने बीजेपी को अपना समर्थन और ज्यादा कर दिया। 2014 में अपर ओबीसी वर्ग ने बीजेपी को करीब 30 फीसदी वोट डाले थे। 2019 में उनका समर्थन बढ़कर 40 फीसदी तक पहुंच गया। उसी तरह लोअर ओबीस तबके से 40 फीसदी वोटर्स ने 2014 में बीजेपी को वोट दिया था। 2019 में ये आंकड़ा बढ़कर करीब 44 फीसदी हो गया। अब विपक्षी दल भी ओबीसी वोटर्स को अपने पाले में करने के लिए हर दांव चल रहे हैं। तो बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इन वोटरों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए बड़ी रणनीति बना रही है।
गुरुवार को बीजेपी ने पार्टी मुख्यालय में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार सहित दस राज्यों के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में आरक्षण मुद्दे को लेकर भी चर्चा हुई। दरअसल, बीजेपी के लिए ओबीसी का समर्थन बेहद अहम है। खासतौर पर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए। इसलिए बीजेपी ऐसी कोई भी चूक नहीं होने देना चाहती है जिससे उसे इन वोटों का नुकसान हो। बैठक में महाराष्ट्र के डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस, बीएल संतोष, बिहार बीजेपी चीफ सम्राट चौधरी, यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र चौधरी, ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के लक्ष्मण शामिल थे।
पार्टी बना रही है बड़ी रणनीति
बैठक में केंद्रीय नेतृत्व ने ओबीसी समुदाय तक पहुंच को और ज्यादा बढ़ाने पर जोर दिया। पार्टी ने उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में ओबीसी समुदाय को अपने पाले में बनाए रखने के लिए ज्यादा जोर दिया है। पार्टी का मानना है कि इन राज्यों के परिणाम से ही चुनाव पर असर पड़ेगा।
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बीजेपी ने बना दी है कमिटी
बीजेपी ने ओबीसी समुदाय पर पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए एक कमिटी का भी गठन कर दिया है। बैठक में इस बात पर खास तौर पर जोर दिया गया कि बीजेपी नेता ओबीसी समुदाय को जाकर बताएं कि पिछड़ा वर्ग के हित में सबसे अधिक काम और निर्णय बीजेपी की सरकार ने ही किया है। इसके साथ ही चुनाव अभियान को भी ओबीसी केंद्रित बनाने की बात कही गई है।