जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच चल रहे गतिरोध पर चुप्पी तोड़ते हुए हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनके लिए हमेशा किसान पहले हैं।
उन्होंने कहा कि अगर किसान को उसकी फसल के लिए न्यूनतम सर्मथन मूल्य नहीं मिलता है तो वे इस्तीफा देने वालों में सबसे पहले होंगे।
चौटाला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए किसानों को लिखकर देने को राजी हो गया है। किसान संगठनों की सरकार से लगातार बातचीत जारी है। ऐसे में जल्द ही समस्या का समाधान निकलेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक वे सरकार में है किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की बात जरूर उठाएंगे और आश्वस्त करेंगे कि किसानों को उनकी फसल के लिए एमएसपी मिलती रहे।
विपक्ष के आरोप ‘चौटाला मंत्री पद से चिपके हुए हैं’, पर उन्होंने कहा कि जब तक वे सत्ता में है तब तक किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाने का काम करते रहेंगे। जिस दिन वे ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं रह जाएंगे तो इस्तीफ दे देंगे।
विपक्ष के हमले पर उन्होंने कहा कि लगता है विपक्ष को सबसे ज्यादा मेरी पड़ी है। किसानों को उनकी फसल का दाम तब तक ही मिलता रहेगा जब तक कि उनका कोई प्रतिनिधि सरकार में है। मैं किसानों के प्रतिनिधि के तौर पर सरकार में हूं। हरियाणा सरकार लगातार केंद्र को लगातार मामले में सलाह देने का काम कर रही है।
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उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसानों से रिकॉर्ड स्तर पर बाजरे की फसल खरीद रहे हैं और अधिकारियों को और अधिक फसल खरीदने के निर्देश दिए गए हैं जिससे कि किसानों को फसल का उचित दाम मिले।
उन्होंने कहा कि वे लगातार केंद्रीय मंत्री तोमर और पीयूष गोयल के संपर्क में हैं। इसके अलावा मामले में बाकी लोगों से भी बातचीत की जा रही है। चौटाला ने किसानों के संघर्ष की जीत होगी, ऐसी उम्मीद जतायी।
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मालूम हो कि दुष्यंत चौटाला के विधायक भी किसानों के आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं। चौटाला की चुप्पी पर सवाल उठ रहा था, जबकि उनके विधायक किसानों के समर्थन में खुलकर बोल रहे थे।