न्यूज डेस्क
हरियाणा में बहुमत से छह कदम दूर भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता की कुर्सी पर बैठने के लिए गोपाल कांडा का सहारा लेने का मन बना लिया है। माना जा रहा है कि मनोहर लाल खट्टर निर्दलीय विधायकों की मदद से सरकार बनाएंगे और दिवाली के बाद शपथ ग्रहण करेंगे।
इस बीच बीजेपी की सरकार बनाने से ज्यादा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार और सिरसा से विधायक गोपाल कांडा का बीजेपी को समर्थन की बात चर्चा में हैं। दिल्ली में शुक्रवार को कांडा ने कहा कि हम सभी निर्दलीय विधायकों ने बिना शर्त बीजेपी को समर्थन दिया है।
गीतिका शर्मा हत्याकांड में आरोपी और जमानत में जेल से बाहर चल रहे गोपाल कांडा ने कहा कि उनके पिता वर्ष 1926 से आरएसएस के जुड़े हुए थे। देश को आजादी मिलने के बाद उनके पिता ने जनसंघ के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था।
वहीं दूसरी ओर गोपाल कांडा से समर्थन लेकर सरकार बनाने की जुगत में लगी भारतीय जनता पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उमा भारती ने पार्टी के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए दल को अपने आठ ट्वीट के माध्यम से नसीहत दे डाली है।
उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि मुझे जानकारी मिली है कि गोपाल कांडा नाम के एक निर्दलीय विधायक का समर्थन भी हमें मिल सकता है। इसी पर मुझे कुछ कहना है। अगर गोपाल कांडा वही व्यक्ति है जिसकी वजह से एक लड़की ने आत्महत्या की थी तथा उसकी माँ ने भी न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या कर ली थी, मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है, तथा यह व्यक्ति ज़मानत पर बाहर है।
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि गोपाल कांडा बेक़सूर है या अपराधी, यह तो क़ानून साक्ष्यों के आधार पर तय करेगा, किंतु उसका चुनाव जीतना उसे अपराधों से बरी नहीं करता। चुनाव जीतने के बहुत सारे फैक्टर होते हैं।
मैं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अनुरोध करूँगी कि हम अपने नैतिक अधिष्ठान को न भूलें। हमारे पास तो नरेंद्र मोदी जी जैसी शक्ति मौजूद है, एवं देश क्या पूरे दुनिया की जनता मोदी जी के साथ है तथा मोदी जी ने सतोगुणी ऊर्जा के आधार पर राष्ट्रवाद की शक्ति खड़ी की है।
उमा ने आगे लिखा है कि हरियाणा में हमारी सरकार ज़रूर बने, लेकिन यह तय करिए कि जैसे बीजेपी के कार्यकर्ता साफ़-सुथरे ज़िंदगी के होते हैं, हमारे साथ वैसे ही लोग हों।
उपा भारती के ट्वीट के बाद कल से चल रही बहस और तेज हो गई है कि बीजेपी को क्या गोपाल कांडा से समर्थन लेकर सरकार बनानी चाहिए। इस मामले में जानकारों का कहना है कि भले ही बीजेपी कांडा के साथ मिलकर सरकार बना लेती है, लेकिन पार्टी के अंदर और बाहर दोनों ही जगह उनकी राह आसान नहीं होगा।