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हैप्पी बर्थडे शेखर कपूर : जिसने बालीवुड से हालीवुड तक डंका बजाया

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली. छह दिसम्बर की तारीख अयोध्या के साथ जुड़ गई है. यह तारीख सामने आती है तो ज़ेहन में बाबरी मस्जिद पर चढ़ी कारसेवकों की भीड़ नजर आती है लेकिन इस तारीख की एक और मायने में बड़ी अहमियत है. छह दिसम्बर को फ़िल्मी दुनिया की बहुत शानदार शख्सियत का जन्मदिन भी है.

छह दिसम्बर 1945 को जाने माने फिल्म निर्देशक शेखर कपूर का जन्म हुआ था. देश की आज़ादी से दो साल पहले लाहौर (अब पाकिस्तान) में डॉ. कुलभूषण कपूर के घर में शेखर कपूर का जन्म हुआ था. शेखर कपूर देवानंद के भांजे हैं यह बात बहुत कम लोग जानते हैं क्योंकि फ़िल्मी दुनिया में उन्होंने अपनी पहचान अपनी विशिष्ट कार्यशैली के ज़रिये बनाई.

शेखर कपूर ने दस्यु सुन्दरी फूलन देवी को लेकर फिल्म बैंडिट क्वीन बनाई. जिसने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. सीमा बिस्वास के ज़रिये शेखर ने सेल्युलाइड पार फूलन देवी के किरदार को जीवंत कर दिया. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया.

इससे पहले भी उन्होंने जो फ़िल्में बनाईं उसमें कुछ अलग हटकर काम करने की कोशिश की. अनिल कपूर को लेकर उन्होंने मिस्टर इण्डिया बनाई थी. इसमें नायक के पास गायब हो जाने की ताकत थी. अमरीश पुरी ने इस फिल्म में जो डायलाग (मोगाम्बो खुश हुआ) बोला वह बाद में अमरीश पुरी की पहचान बन गया.

आमिर खान, नसीरुद्दीन शाह और रवीना टंडन को लेकर शेखर कपूर एक फिल्म टाइम मशीन बनाने वाले थे लेकिन वह फिल्म बन नहीं पाई.

शेखर कपूर के खाते में ढेर सारे माइल स्टोन हैं. जिस तरह से अपने काम के ज़रिये उन्होंने बालीवुड को इज्जत दिलाई ठीक उसी तरह से उन्होंने हालीवुड में भी अपने काम और अपनी काबलियत का डंका बजवाया.

हालीवुड के लिए शेखर कपूर ने एलिजाबेथ का निर्देशन किया. यह फिल्म ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित की गई. एलिजाबेथ के अलावा शेखर ने न्यूयार्क आई लव यू, पैसेज और द फॉर फीदर्स का निर्देशन भी किया.

शेखर कपूर ने टेलीविज़न के लिए कार्यक्रम प्रधानमन्त्री होस्ट किया. फिल्म हो या टेलीविजन हो शेखर कपूर जहाँ भी दिखे बहुत शानदार अंदाज़ में नज़र आये.

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पढ़ाई पूरी करने के बाद शेखर कपूर ने बतौर चार्टर्ड एकाउंटेंट काम शुरू किया था. जानी मानी गायिका सुचित्रा कृष्णमूर्ति उनकी पत्नी हैं. कावेरी कपूर नाम की उनकी बेटी है. शेखर कपूर बहुत ज्यादा काम करने में यकीन नहीं करते. काम के मामले में वह बहुत चूजी हैं. मर्जी का काम सामने होता है तभी उसमें हाथ डालते हैं. जिस काम को भी करते हैं पूरे मन से करते हैं और उसे ऐसा बना देते हैं कि हर कोई उसे देखना चाहता है.

शानदार निर्देशक शेखर कपूर का आज जन्मदिन है. आने वाले दिनों में वह तमाम मील के पत्थर पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ते रहेंगे. इस उम्मीद के साथ सालगिरह मुबारक हो.

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