जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। ज्ञाानवापी में शनिवार को दूसरे दिन एएसआई पूरे परिसर का सर्वे काम चल रहा है। इस बीच मस्जिद के केयरटेकर एजाज अहमद का बयान भी सामने आ रहा है।
मस्जिद के केयरटेकर के अनुसार एएसआई की टीम मस्जिद में घुस गई और वजूखाने को छोडक़र मस्जिद के अंदर भी सर्वे का काम शुरू हो गया है। हालांकि इस दौरान मुस्लिम पक्ष अपने कब्जे का तहखाना खोलने से साफ इनकार कर दिया है।
मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने ज्ञानवापी परिसर से बाहर निकलने के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग सर्वे का पूरा सहयोग कर रहे हैं।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हम तहखाने की चाबी क्यों दें उनको, जहां खोलना है, वह खोल लेंगे? उन्होंने बताया कि एएसआई टीम अभी ऊपर के हिस्से का सर्वे कर रही है। वहीं बताया जा रहा है कि तहखाने में गंदगी और मलबा का ढेर होने के चलते इसकी लंबाई-चौड़ाई मापने का काम शुरू नहीं हो पाया है, इसलिए आज तहखाना खोलकर उसकी सफाई की जानी थी।
बता दे कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद लगातार सुर्खियों में है। दरअसल वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर लगातार विवाद हो रहा है और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने है।
इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया सर्वे शुरू हो रहा है। स्थानीय मीडिया की माने तो सर्वे के लिए टीम ज्ञानवापी मस्जिद में दाखिल हो गई है।
हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता और वकील भी सर्वे के दौरान परिसर में मौजूद है लेकिन मुस्लिम पक्ष इस सर्वे में शामिल होने से किनारा कर लिया है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट से भी मुस्लिम पक्ष को झटका दिया था और ज्ञानवापी में ASI सर्वे जारी रहने की बात कही थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए जिला कोर्ट के ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वेक्षण के फैसले को बरकरार रखा था। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।
सुप्रीम कोर्ट आज ज्ञानवापी मामले के सुनवाई योग्य होने को लेकर दाखिल याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रहा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI) ने सुनवाई के दौरान कहा कि हाई कोर्ट ने जिला जज के आदेश को मंजूरी दी। हम भी हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते।