जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: ज्ञानवापी मामले में मिले शिवलिंग की दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करेगी, जिसमें शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग भी की गई है। याचिका में कहा गया है कि कार्बन डेटिंग से पता चलेगा कि शिवलिंग कितना प्राचीन है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ज्ञानवापी परिसर की जीपीएस पड़ताल यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सिस्टम के जरिए भूमिगत परिस्थिति का पता लगाने का आदेश देने की मांग की गई है।
अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति
दायर इस याचिका मेैं हिंदू पक्ष से मांग की गई है कि अभी सावन का पवित्र महीना चल रहा है और ज्ञानवापी मस्जिद स्थित शिवलिंग की पूजा करना उनका मौलिक अधिकार है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 में वर्णित ‘अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म के स्वतंत्र पेशे, अभ्यास और प्रचार की स्वतंत्रता’ के तहत हिंदुओं को अपने अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए सर्वोच्च अदालत हिंदुओं को वहां पूजा करने की अनुमति दे। वाराणसी की जिला अदालत में इस मामले पर पहले से ही सुनवाई चल रही है।
याचिका में जानें क्या कहा गया
आपको बता दें कि कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति दल के अध्यक्ष राजेश मणि त्रिपाठी की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान जिस स्थान पर शिवलिंग मिला था, उस स्थान पर धार्मिक अनुष्ठान करने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। याचिका में कहा गया है, आवेदक वाराणसी कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुसरण में किए गए सर्वेक्षण के दौरान पाए गए ‘शिवलिंग’ पर भारत के संविधान के तहत गारंटी के रूप में अपनी धार्मिक प्रथाओं का प्रदर्शन करना चाहता है। वहीं इस मामले पर 21 जुलाई को सुनवाई होनी तैय है।
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