जुबिली न्यूज डेस्क
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को डेरा मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने आज बरी कर दिया. चार अन्य दोषियों को भी हाईकोर्ट ने बरी किया है.
2021 में पंचकूला में स्पेशल सीबीआई अदालत ने राम रहीम और चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. 10 जुलाई 2002 को रंजीत सिंह का कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. आज हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने उन्हें बरी कर दिया.
जेल से नहीं आ पाएगा बाहर
राम रहीम पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और रेप के मामले में दोषी हैं. इसके अलावा भी कई और केस उसके खिलाफ लंबित हैं. रेप और छत्रपति हत्याकांड पर निचली अदालत के फैसले को भी राम रहीम ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है और मामला हाई कोर्ट में लंबित है. ऐसे में साफ है कि वो जेल से बाहर नहीं आ सकते हैं. राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.
फैसले में कोर्ट ने क्या कहा था?
18 अक्टूबर 2021 को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. मामले में अन्य आरोपी अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह थे. केस की सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी. सीबीआई जज ने राम रहीम पर 31 लाख रुपये, सबदिल पर 1.50 लाख रुपये, जसबीर और कृष्ण पर 1.25-1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
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पंचकूला की सीबीआई अदालत ने कहा था कि इस तथ्य पर कोई संदेह नहीं है कि गुमनाम पत्र के प्रसार से गुरमीत राम रहीम व्यथित महसूस कर रहे थे, जिसमें डेरा की साध्वियों के यौन शोषण के गंभीर आरोप थे. रणजीत सिंह को गुमनाम पत्र को सार्वजनिक करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के बाद डेरा से हटा दिया गया था, इस पत्र में कहा गया था कि कैसे डेरा प्रमुख महिलाओं से यौन शोषण करते थे.