जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। अब ऐसे करदाताओं का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीयन तत्काल निलंबित किया जा सकता है, जिनके बिक्री रिटर्न यानी जीएसटीआर-1 फॉर्म और उनके आपूर्तिकर्ता के द्वारा दायर रिटर्न में बड़ा अंतर पाया जाता है। कर चोरी पर लगाम लगाने तथा राजस्व बचाने के लिये जीएसटी अधिकारियों को अब यह अधिकार दिया गया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस बारे में मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। एसओपी के अनुसार जीएसटी अधिनियम का उल्लंघन का संकेत देने वाली खामियां पायी जाने की स्थिति में अधिकारी तत्काल करदाता का पंजीयन रद्द कर सकते हैं। करदाताओं को इस बारे में उनके पंजीकृत ई-मेल आईडी पर सूचित किया जा सकता है।
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एसओपी में कहा गया है कि जिन मामलों में पंजीकृत व्यक्ति के द्वारा दायर रिटर्न और जीएसटीआर-1 में आपूर्ति की जानकारियों अथवा उनके आपूर्तिकर्ताओं के रिटर्न में दायर जानकारियों में बड़ा अंतर पाया जाता है, तो इन मामलों में पंजीयन रद्द किया जा सकता है।
एसओपी के अनुसार जब तक पोर्टल पर फॉर्म पंजीयन-31 का समय पर सुचारू तरीके से काम उपलब्ध नहीं हो जाता है, तब तक करदाताओं को जीएसटी पंजीयन फॉर्म-17 में इस बारे में सूचित किया जा सकता है। करदाता लॉगइन करने के बाद ‘नोटिस व आदेश देखें’ टैब में इस बारे में नोटिस देख सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि कर चोरी रोकने के लिये जीएसटी अधिकारी पहले ही अपने प्रयासों को तेज कर चुके हैं। जीएसटी संग्रह पिछले चारी महीने के दौरान लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। जनवरी में जीएसटी संग्रह करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर रहा है।
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