न्यूज़ डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पहली बार अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक समाप्त हो गई। इस बैठक में कारोबारियों के साथ- साथ आम जनता को बड़ी राहत दी गई है। अब कोई भी नया कारोबारी आधार के जरिए अपना GST में रजिस्ट्रेशन कर सकेगा।
इसके अलावा 1 जनवरी 2020 से कारोबारियों को केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म भरना होगा। वहीं मल्टीप्लेक्स में ई- टिकट को अनिवार्य किया जाएगा। इसके अलावा इलेक्ट्रिक चार्जर पर लगने वाली कर की दर को 18 से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया गया है।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि कारोबारी ऑनलाइन आधार नंबर के जरिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उनके पास OTP आएगा और बाद में जीएसटीएन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन होने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा। इसके साथ ही पहले ही सरकार GST रजिस्ट्रेशन की सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर चुकी है।
राज्यों में होगा जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन
काउंसिल ने कारोबारियों को राहत देते हुए वार्षिक रिटर्न फाइल करने की अतिंम तारीख को बढ़ा दिया है। अब सभी कारोबारी 30 अगस्त, 2019 तक अपना रिटर्न फाइल कर सकेंगे। इसके साथ ही काउंसिल ने नेशनल एंटी प्रॉफिट अथॉरिटी का कार्यकाल दो सालों के लिए और बढ़ाने का फैसला किया है। वहीं देश के 26 राज्यों में जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
एनएए 30 नवंबर, 2017 को इसके चेयरमैन बीएन शर्मा के कार्यभार संभालने के बाद अस्तित्व में आया था। अभी तक एनएए विभिन्न मामलों में 67 आदेश पारित कर चुका है। उसके बाद भी आने वाली शिकायतों का सिलसिला अभी थमा नहीं है। बैठक के दौरान मु्द्दों पर सभी ने अपनी राय रखी।
ये है अन्य बड़े फैसले
- मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल में अब ई- टिकट जारी होगा।
- जीएसटी काउंसिल ने ई-इनवॉयस के प्रस्ताव को सिद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है।
- नेशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी को दो साल के एक्सटेंशन को मंजूरी दे दी गई।
- जीएसटी रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है।
- काउंसिल ने राज्य और क्षेत्र आधारित जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कुछ राज्यों में एक से ज्यादा ट्रिब्यूनल होंगे।
- ई-व्हीकल पर टैक्स घटाने संबंधित मामले को काउंसिल ने फिटमेंट कमेटी के पास भेजा है जो जल्द ही इस पर फैसला लेगी।
- यदि कोई कारोबारी दो महीने तक रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उसे ई-वे बिल जनरेट करने की सुविधा नहीं दी जाएगी।
- इलेक्ट्रिक चार्जर पर लगने वाली कर की दर को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया गया है।