जुबिली पोस्ट डेस्क
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की 19 मार्च को होने वाली बैठक में निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी की दरों में कटौती कर देश के लोगों को होली का तोहफा देने की तैयारी है, लेकिन आचार संहिता आड़े आ सकती है। यदि तोहफा नहीं मिला तो परिषद दिशा निर्देश जरूर तय कर सकता है। गाइडलाइन के जरिये सरकार सुनिश्चित करेगी कि करों में कमी का फायदा ग्राहकों तक पहुंचे और डेवलपर को अनुचित लाभ न पहुंचे।
जीएसटी परिषद ने घर खरीदारों को राहत देते हुए निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच फीसदी की। साथ ही किफायती घरों पर भी जीएसटी की दर घटाकर आठ से एक फीसदी कर दी गई है। ये नई दरें एक अप्रैल से लागू होनी है।
घर खरीदारों को राहत के लिए बनेगी गाइडलाइन
रियल एस्टेट पर जीएसटी की दरों की समीक्षा करने वाले मंत्रियों के समूह ने ये आशंका जाहिर की थी कि हो सकता है दरें घटने के बाद बिल्डर इसका फायदा ग्राहकों को न दें। यही वजह है जीएसटी परिषद के अधिकारी बैठकर बिल्डरों के लिए नई गाइडलाइन बना सकते हैं ताकि घर खरीदारों के साथ कोई धोखा न हो। न ही बिल्डर किसी भी तरह से फ्लैट के दाम बढ़ा सकें।
सूत्रों के मुताबिक 19 मार्च की बैठक में राज्यों के राजस्व विभाग के साथ निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी कटौती का फायदा, घर खरीदारों को देने की रूपरेखा तय की जाएगी। साथ ही नई दरों को लागू करने के तौर तरीकों पर भी फैसला किया जाएगा।
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद देश में आचार संहिता लागू हो गई है। ऐसे में किसी भी नीतिगत फैसले के लिए या फिर पहले से ऐलान किए गए फैसलों में जरूरी बदलाव या इजाफे के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी होती है। इसलिए उम्मीद लगाए बैठे लोगों को निराशा हाथ लग सकती है।
बैठक में ये भी फैसला लिया जा सकता है कि बिल्डर घर बनाने के लिए 80% माल पंजीकृत आपूर्तिकर्ता से ही खरीदें। वहीं पुरानी बिल्डिंग तोड़कर नई बनाने को भी निर्माणाधीन घर माना जाने का फैसला लिया जा सकता है। यही नहीं नए के साथ मौजूदा खरीदारों को भी जीएसटी की दरों में कटौती का फायदा देने पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी।