जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो चुका है। इस बार जीएसटी का प्रभाव बाजारों पर भी नजर आ रहा है, फलाहारी की सभी चीजें लगभग 18 फीसद तक महंगी हो गयी है, इसलिए ग्राहक भी अपनी जेब देखकर खरीददारी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को फलाहारी में टैक्स कम रखना चाहिए था।
हालांकि बाजारों में नवरात्र की रौनक नजर आ रही है, लेकिन महंगाई के चलते लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी भी देखने को मिल रही सुबह तो दुकानों पर कम भीड़ दिखाई दे रही है, लेकिन शाम होते होते रौनक अपने पूरे चरम पर पहुंच रही है।
इस बार बाजारों में जीएसटी का असर नजर साफ देखा जा सकता है। लोगों ने पिछले वर्ष के मुकाबले भाव अधिक होने से फलाहारी कुछ कम ही खरीदी। जो लोग पिछले वर्ष एक किलो तक मेवा खरीद रहे थे, इस बार आधा किलो तक पर ही सीमित रहे।
दुकानदार भी माल की कुछ कम बिक्री होने से निराश हैं। उनका कहना है कि सरकार को फलाहारी को भी रोज की जरूरत के उत्पादों में रखते हुए करमुक्त रखना चाहिए था।
फलाहार भाव (किलो में)
- मखाना Rs 140
- काजू Rs 1000
- बदाम Rs 800
- कुट्टू आटा Rs 140
- सिंघाड़ा आटा Rs 130
- साबुदाना Rs 130
- सेंधा नमक Rs 200