जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अगर आपके पास भी पुरानी कार और दोपहिया वाहन है तो ये खबर आपको राहत दे सकती है। दरअसल यूपी सरकार ने पुराने वाहनों के दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने पर ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। ऐसे में पुरानी कार और दोपहिया वाहन स्वामियों को राहत देने वाली खबर है।
इसके साथ ही जिन वाहन स्वामियों की गाडिय़ां 15 साल की अवधि पूरा करने वाली है, उनके लिए ये एक तरह से अच्छी खबर है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि हाल में पुराने वाहनों को लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बड़ा कदम उठाते हुए पुन: पंजीकरण पर 2 प्रतिशत ग्रीन टैक्स लेने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, जिसे अब सरकार ने ठुकरा दिया है।
ग्रीन टैक्स, को पॉल्युशन टैक्स और पर्यावरण कर के नाम से भी जाना जाता है, यह एक उत्पाद शुल्क है, जिसे सरकारें उन वस्तुओं पर टैक्स लगाकर इकठ्ठा करती हैं, जिससे प्रदूषण फैलता है।
ग्रीन टैक्स, जिसे प्रदूषण कर और पर्यावरण कर भी कहा जाता है, वास्तव में एक उत्पाद शुल्क है, जिन्हें सरकार उन वस्तुओं पर कर लगाकर एकत्रित करती है, जिससे प्रदूषण फैलता है।
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अधिक प्रदूषण फैलाने वाले साधनों के उपयोग के लिए हतोत्साहित करना है, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है। साथ ही इससे प्राप्त धन को पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने वाले कार्यों के लिए किया जाता है।
स्थानीय मीडिया की माने तो पहले परिवहन विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के पास होने पर बाइक चालकों को 600 रुपये व कार मालिकों पर दो हजार रुपये तक का खर्च बढ़ जाता लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और पुरानी प्रणाली यानी सामान्य निर्धारित राशि में पुरानी गाडिय़ों का दोबारा पंजीयन आसानी से कराया जा सकता है। इस तरह से वाहन स्वामियों को अब ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने पड़ेगे।