ग्रेटर नोएडा में हीरानन्दानी समूह के जिस डाटा सेंटर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने का इंतज़ार है, उनके अवैध बोरवेल को सील किया गया है। कम्पनी को नोटिस जारी किया गया है।
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में भूजल का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है। इस बारे में एनजीटी की ओर से भी कड़ी चेतावनी दी जा चुकी हैं। 11 जनवरी 2013 को एनजीटी ने एक आदेश जारी किया था।
जिसमें कन्स्ट्रक्शन के लिए भूजल दोहन पर रोक लगाई है। उसके बाद भी ग्रेटर नोएडा वेस्ट में डी-पार्क के पास कंस्ट्रक्शन साइट पर अवैध भूजल दोहन किया जा रहा है। शिकायत के बाद डाटा सेंटर सहित कई प्रोजेक्ट्स साइट पर भूजल विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण किए हैं।
भूजल मामलों को लेकर काम करने वाले एक्टिविस्ट विक्रांत टोंगड ने बताया कि डाटा सेंटर और उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन की साइट पर बोरवेल को सील कर दिया है। इस बारे में भूजल संरक्षण विभाग ने जिलाधिकारी को अवगत कराया है।
साथ ही डाटा सेंटर का निर्माण कर रही कम्पनी और उत्तर प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा यहीं पर एक अन्य साइट (प्लॉट नम्बर-6बी) पर प्राधिकरण ने भुजल दोहन के लिए एक लाख रुपये का फ़ाइन लगाया है। साथ ही वायु प्रदूषण के लिए इन सभी साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाने के आदेश दिए हैं। वायु प्रदूषण के लिए भी जुर्माना लगाया है।