जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। मोदी को रोकने के लिए पूरा विपक्ष एक साथ आने की सोच रहा है। नीतीश कुमार इसकी कोशिशों में लगे हुए है। उन्होंने हाल में दिल्ली आकर विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी एकता को मजबूत करने पर जोर दिया था लेकिन ममता बनर्जी का स्डैंड अभी तक स्पष्ठï नहीं है। दरअसल कई मामलों ममता ने अलग ट्रैक पकड़ रखा है।
कई बार विपक्ष की बैठकों से ममता ने दूरी बना रखी लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को विपक्षी एकता को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान को 2024 लोकसभा चुनाव से लेकर देखा जा रहा है।
दरअसल शरद पवार ने बुधवार को कहा कि तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय हित के लिए कांग्रेस से अपने मतभेद भुलाने और 2024 आम चुनाव से पहले साथ मिलकर विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाने के लिए तैयार हैं। पवार के मुताबिक, बनर्जी ने यह भी कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ हुए पिछले अनुभव को भी भूलने को तैयार हैं।
बता दें कि पिछले काफी समय से पूरा विपक्षी दल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एक एंटी-बीजेपी मोर्चा बनाने की कवायद में जुटा हैं। बीते महीनों में कुछ बड़े नेताओं के बीच मुलाकातों का दौर भी चला था।
कांग्रेस और टीएमसी के संबंधों में उस समय दरार आ गई थी जब तृणमूल ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं बल्कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा बनकर उभरी हैं।
टीएमसी ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी का वैकल्पिक चेहरा बनने में राहुल गांधी विफल रहे हैं, इसलिए ममता को ही विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए। हालांकि, बंगाल में कांग्रेस ने टीएमसी के दावे को ज्यादा महत्व देने से इनकार करते हुए कहा कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि पीएम मोदी का वैकल्पिक चेहरा कौन बनेगा।
दूसरी ओर शरद पवार अब ममता को साथ लाने की बात कह रहे हैं। इसके साथ ही पवार ने कहा कि वह तथा दूसरे दलों के कुछ नेता, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं, अगले चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध मोर्चे का निर्माण करने वास्ते कांग्रेस से हाथ मिलाने के खिलाफ नहीं हैं। अब देखना होगा क्या सच में पूरा विपक्ष एक साथ नजर आयेगा।