- मध्यप्रदेश के एक लाख 74 हजार स्क्वायर क्षेत्र में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण
रूबी सरकार
मध्यप्रदेश में खनिज संपदा की असीम संभावनाओं को देखते हुए यहां भारत के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अधिकारियों ने लम्बे प्रयास के बाद बैतूल जिले के तीन विकास खण्डों में ग्रेफाइड और बेनेडियन को खोज निकाला है।
मंगलवार को भारत सरकार के खनिज मंत्रालय, खनिज विभाग मध्यप्रदेश और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक कार्यशाला में इससे संबंधित दस्तावेज भारत के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के महानिदेशक को सौंप दिया।
इस अवसर पर भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के उप महानिदेशक मिलिन्द घनकटे ने बताया, कि सेंट्रल रीजन में 3 लाख 8 हजार स्क्वेयर किलोमीटर के क्षे़त्र में भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम फैला है।
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सेंट्रल रीजन में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य शामिल है। इसमें से एक लाख 74 हजार स्क्वेयर किलोमीटर में फिलहाल खनिज का अनुसंधान जारी है, जिसमें मध्यप्रदेश का एक लाख 14 हजार स्क्वायर क्षेत्र भी शामिल है।
उन्होंने बताया, कि मध्यप्रदेश में 12 प्रकार के खनिज संसाधन प्रचूर मात्रा में पायी जाती है। इसमें सोना, हीरा , कोयला से लेकर, लौह अयस्क, मैंगनीज अयस्क आदि शामिल है।
मिलिन्द ने बताया, कि ग्रेफाइड से बेनेडियन को पहली बार अलग करने का काम वैज्ञानिकों ने किया है, जो बैटरी बनाने के काम में आता है।
मध्यप्रदेश में ऐसे खनिज भी प्रचूर मात्रा में है, जो मोबाइल के चिप्स तथा आधुनिक इलेक्ट्रानिक बनाने के काम में आता है। इस रिपोर्ट की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मध्यप्रदेश सरकार इन संसाधनों के खनन के लिए निविदा जारी करेगी।
इससे मध्यप्रदेश सरकार को बड़ी राशि मिलने की संभावना जताई जा रही है। उल्लेखनीय है, कि राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास का गठन वर्ष 2014 में किया गया ।
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वर्ष 2015 से इसकी गतिविधि प्रारंभ हुई।यह खनिज मंत्रालय की सर्वोच्च निकाय गवर्निंग बॉडी है, इसके अध्यक्ष भारत सरकार के पदेन खनिज मंत्री हैं, जो ट्रस्ट पर समग्र नियंत्रण रखते हैं।
इसके अलावा कार्यकारी समिति द्वारा अध्यक्ष के निर्देशन में गतिविधियों का संचालन और प्रबंधन किया जाता है। न्यास के संचालन के लिए खनन पट्टा धारकों या सह-खनन पट्टा धारकों से मिलने वाली 2 फीसदी रॉयल्टी की राशि से होता है।
न्यास की मुख्य गतिविधियों में उन्नत वैज्ञानिक तकनीक अपनाते हुए खनिज भंडार की सतत खोज, खनिज विकास पर अध्ययन और उसका निष्कर्ष निकालना आदि शामिल है।