न्यूज डेस्क
लोकसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को सरकार तीन तलाक़ बिल पेश करेगी। इसके लिए बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर संसद में पेश होने के निर्देश दिए है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद ही लोकसभा सत्र के पहले ही दिन इसका मसौदा पेश किया था। गुरुवार को सरकार इसकी मंजूरी के लिए लोकसभा में इस विधेयक को रखेगी।
इस बिल को लेकर सरकार ने ये दावा किया है कि यह बिल विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने में मदद करेगा। साथ ही पति द्वारा ‘तलाक-ए-बिद्दत’ से तलाक लेने से रोकेगा। इसके साथ ही यह बिल मुस्लिम महिलाओं को लिंग समानता देगा।
कांग्रेस से अपील
राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए संसद के पहले सत्र में पीएम मोदी ने कांग्रेस से अपील भी की थी कि वो समान नागरिक संहिता और शाहबानो केस की तरह ये मौका हाथ से न गंवाए। साथ ही कहा था कांग्रेस इस बिल को पास कराने में मदद करें। इससे मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिलेगा।
बिल को लेकर बवाल
हालाँकि इस बिल को 21 जून को जब मसौदा पेश किया गया था, तभी से विपक्षी इसका कदा विरोध करे रहे है। साथ हि एक साथ तीन बार तलाक बोलकर तलाक दिए जाने यानी तलाक-ए-बिद्दत को अपराध करार दिया गया है। दोषी को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
राज्यसभा में था लंबित
16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछला बिल निष्प्रभावी हो गया था क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित रह गया था। दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन के भंग होने पर विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है।
वहीं, सरकार के पास लोकसभा में प्रचंड बहुमत होने के चलते इसके लिए यहां बिल की राह में कोई बाधा नहीं उत्पन्न होगी। लेकिन राज्यसभा से मंजूरी दिलवाना सरकार के लिए मुश्किल है।सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है।
राज्यसभा में पेश होगा आरटीआई बिल
इसके अलावा राज्यसभा में सरकार आज ही लोकसभा से पास आरटीआई बिल को पास कराने के लिए ऊपरी सदन में रखेगी। इसके लिए भी बीजेपी ने तीन लाइनों का व्हिप सांसदों को जारी किया है।