जुबिली स्पेशल डेस्क
शिवाजी महाराज को पुराने जमाने का आइकॉन बताने वाले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक बार फिर चर्चा में आ गए है। दरअसल उन्होंने एक लेटर लिखा है जो एकाएक सुर्खियों में आ गया है।
अब सवाल ये हैं कि उन्होंने ये लेटर किसको लिखा है। उन्होंने ये लेटर किसी और को नहीं बल्कि गृहमंत्री अमित शाह को लिखा है।
उन्होंने इस लेटर में शाह से मार्गदर्शन करने के लिए कहा है। कोश्यारी की लेटर सामने आने के बाद विपक्षी दल राज्यपाल पर सवाल उठाया है और राज्पाल की गरिमा को लेकर विपक्ष ने सवाल उठा दिए है।
भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा था?
हाल में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लेकर विवाद तब पैदा हो गया था जब उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में अपनी टिप्पणी की थी।
उन्होंने अपने एक भाषण में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘पुराने समय का प्रतीक’ करार दिया था। उनकी इसी बात को लेकर अब विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
इतना ही नहीं विपक्षी दलों को उनकी ये बात पसंद नहीं आई थी और इस वजह से उनकी चारों तरफ कड़ी आलोचना हो रही है। इसके आलावा मराठा राजा के वंशजों में से एक उदयनराजे भोंसले ने केंद्र से कोश्यारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी के बारे में
बता दें कि भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 जून 1942 को उत्तराखण्ड के कुमांऊँ क्षेत्र के अल्मोड़ा जिले के एक गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अल्मोड़ा में पूरी की और उसके पश्चात उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य में आचार्य की उपाधि प्राप्त की।
कोश्यारी का राजनैतिक जीवन का प्रारम्भ शिक्षणकाल के दौरान ही प्रारम्भ हो गया था। शिक्षणकाल में ही अपने जीवन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिये समर्पित कर चुके हैं।
1961 में कोश्यारी अल्मोड़ा कॉलेज में छात्रसंघ के महासचिव चुने गए। वर्ष 2005-2007 के बीच वे भारतीय जनता पार्टी के उत्तराखण्ड राज्य प्रमुख थे। 1977 में आपातकाल के समय उन्होंने विरोध किया और उन्हें बंदी बनाया गया। वर्ष 2000 में उन्हें नए बने राज्य उत्तरांचल (अब उत्तराखण्ड) का ऊर्जा, सिंचाई, कानून और विधायी मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया। 2001 में वे नित्यानन्द स्वामी के स्थान पर मुख्यमंत्री भी बने।
वहीं वर्ष 2007 के राज्य विधानसभा चुनावों में में भाजपा की जीत के पश्चात भी उन्हें मुख्यमंत्री न बनाकर उनके प्रमुख प्रतिद्वन्दी मेजर जनरल भुवन चन्द्र खण्डूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया।
कोश्यारी 2008 से 2014 तक उत्तराखंड से राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे। 2014 में बीजेपी ने नैनीताल सीट संसदीय सीट से उन्हें मैदान में उतारा और वह जीतकर पहली बार लोकसभा सदस्य चुने गए, लेकिन 2019 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
हालांकि मोदी सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी है। बताया जाता है कि आरएसएस से नजदीकी होने के चलते उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है।