जुबिली न्यूज डेस्क
अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर अपने बयानों की वजह से चर्चा में है।
राज्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर कई अहम टिप्पणी की और साथ ही इंदिरा गांधी के बहाने से मोदी सरकार को नसीहत भी दी।
अपने गृह जिले बागपत में रविवार को राज्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को किसानों को खाली हाथ नहीं लौटने देना चाहिए।
सत्यपाल मलिक ने कहा, ”पिछले दौरे में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। मैंने उनसे अनुरोध किया था कि किसानों के खिलाफ किसी भी तरह के बल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जहां तक संभव होगा मैं किसानों को मदद करूंगा। मैं किसानों का दर्द समझ सकता हूँ।”इस मौके पर मलिक ने सिख समुदाय का जिक्र करते हुए कहा, सिख कौम कभी पीछे नहीं हटती और 300 सालों तक किसी बात को नहीं भूलती।
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इतना ही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इंदिरा गांधी ने ब्लू स्टार ऑपरेशन के बाद एक महीने तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया था।
उन्होंने कहा कि, ‘ब्लू स्टार ऑपरेशन के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक महीने तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया था। जब अरुण नेहरू ने मुझे बताया था तो मैंने उनसे पूछा कि वह ऐसा क्यों करा रही हैं, जबकि वह ऐसे कर्मकांड में यकीन नहीं करती हैं, अरुण ने कहा था, तुम नहीं जानते, मैंने उनके अकाल तख्त को नुकसान पहुंचाया है। वे मुझे छोड़ेंगे नहीं।
I recently met a senior journalist who is a close friend of Prime Minister Narendra Modi. I told him that I have tried and now it’s your turn to convince him. Disrespecting and pressuring farmers to leave Delhi is a wrong step: Meghalaya Governor Satya Pal Malik Baghpat pic.twitter.com/ftyXKtcQtS
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) March 14, 2021
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि देश में कोई कानून किसानों के पक्ष में नहीं है। जिस देश में किसान और जवान संतुष्ट नहीं होंगे, वह प्रगति नहीं कर सकता। इसलिए सेना और किसानों को संतुष्ट रहना जरूरी है।
किसानों के पक्ष में बोलते हुए मलिक ने कहा कि किसानों में हर दिन गरीबी बढ़ रही है, जबकि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में हर तीन साल में इजाफा हो रहा है।
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राज्यपाल ने कहा कि इस देश में अजीब विडंबना है। किसान जो बो देता है, उसकी कीमत कम हो जाती है, लेकिन उसे जो चीज खरीदनी होती है, उसकी कीमत अधिक होती है।
उन्होंने कहा कि देश का किसान यह नहीं जानता कि वह लगातार क्यों गरीब हो रहा है। किसानों का सत्यानाश हो रहा है और उन्हें इसकी वजह भी नहीं पता। किसान जब अपनी फसल को बोने जाते हैं तो कीमत कुछ और होती है, लेकिन जब फसल काटने का समय आता है तो कीमत 300 रुपये तक कम हो जाती है।
राज्यपाल मलिक ने कहा कि इस बात की बहुत चर्चा है कि किसान कहीं भी अपनी फसलों को बेच सकता है। यह 15 साल पुराना कानून है। इसके बाद भी जब मथुरा का किसान अपनी फसल बेचने के लिए पलवल जाता है तो उस पर लाठीचार्ज होता है और वहीं जब सोनीपत का किसान नरेला आता है तो भी उसे लाठियां ही मिलती हैं।
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