Tuesday - 29 October 2024 - 2:02 AM

सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़ा, CAG की रिपोर्ट में खुली पोल

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली। सरकार का राजकोषीय घाटा जुलाई अंत में 5.47 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2019- 20 के बजट अनुमान का 77.8 प्रतिशत है। लेखा महा नियंत्रक (CAG) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई के आखिर में राजकोषीय घाटा यानी व्यय एवं राजस्व का अंतर की यदि पूरे आंकड़े की बात करें तो यह 5,47,605 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

पिछले साल इसी अवधि में राजकोषीय घाटा पूरे साल के बजट अनुमान का 86.5 प्रतिशत पर रहा था। सरकार का बजट अनुमान है कि 2019- 20 के दौरान राजकोषीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहेगा।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। सीजीए के आंकड़े के मुताबिक अप्रैल- जुलाई के दौरान सरकार को प्राप्त राजस्व पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बजट अनुमान के 19.5 प्रतिशत पर है।

सरकार को जुलाई अंत तक 3.82 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। वहीं पूंजीगत व्यय बजट अनुमान की तुलना में 31.8 प्रतिशत रहा है।

वित्त वर्ष 2018-19 की समान अवधि में यह आंकड़ा 37.1 प्रतिशत पर था। सकल आंकड़ों में बात की जाए तो अप्रैल- जुलाई के दौरान सरकार का पूंजीगत व्यय 9.47 लाख करोड़ रुपये रहा।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 27.86 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है। सीजीए ने कहा है कि किसी वित्त वर्ष के किसी एक महीने के राजकोषीय घाटे से जुड़े आंकड़े पूरे वित्त वर्ष के राजकोषीय घाटे का ठोस संकेतक नहीं होते।

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