स्पेशल डेस्क
लखनऊ। नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में पूरा देश जल रहा है। मुसलमानों को इस नए कानून में शामिल न करने की बात को लेकर विपक्ष समेत आम जनता भी इस आंदोलन में हिस्सा ले रही है और शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रही है। इस बीच कई अराजक तत्व भी मौके का फायदा उठा कर हिंसा फैलाने की जुगत में लगे हैं।
असम और दिल्ली में हुएं हिंसक प्रदर्शन के बाद अब इसकी आग उत्तर प्रदेश में तेजी से फैल रही है। उधर शुक्रवार को दिल्ली की जामा मस्जिद पर जमकर हिसंक प्रदर्शन हुआ है।
जानकारी के मुताबिक जुमे की नामाज के बाद वहां के हालात और खराब हो गए। उधर हालात पर सरकार की पैनी नजर है। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने इस पूरे मामले पर बड़ा बयान दिया है।
शीर्ष अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार अगर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के पास कोई सुझाव है तो सरकार उसे मानने पर विचार कर सकती है।
MHA sources on people protesting on roads against CAA: We brought the Bill after we consulted all, there were discussions. But they have the right to go to court & people have right to protest too. Those who want to give suggestions can give, we're in process of framing the rule. https://t.co/6BNAm7CW6q
— ANI (@ANI) December 20, 2019
सरकार की तरफ से इस मामले पर नई पहल की है और सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि अगर सीएए पर कोई सुझाव है जो हम किसी से भी उसे सुनने को तैयार हैं। हम विभिन्न तरीकों से सीएए को लेकर लोगों का भ्रम दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि गुरुवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को गोरखपुर, सहारनपुर, कानपुर, फिरोजाबाद, हमीरपुर, संभल, बुलंदशहर, बहराइच, शामली, हापुड़, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, गोण्डा, कन्नौज, बिजनौर, एटा, भदोही और पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी उपद्रवियों ने जमकर हिंसा की।