Friday - 8 November 2024 - 2:20 AM

देशव्यापी ‘लव जिहाद’ कानून नहीं लायेगी सरकार

जुबिली न्यूज डेस्क

फिलहाल केंद्र सरकार की देशव्यापी लव जिहाद कानून लाने की कोई योजना नहीं है।

मंगलवार को संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने यह बातें कही।

एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने सदन को बताया, ‘संबंधित मुद्दे बुनियादी रूप से राज्य सरकारों के विषय हैं और कानून का उल्लंघन होने पर एजेंसियां कार्रवाई करती हैं। ‘

रेड्डी ने आगे कहा कहा कि संविधान की सातवीं अनुसची के अनुसार, लोक व्यवस्था और पुलिस राज्य के विषय हैं और ऐसे में धर्मांतरण से संबंधित अपराधों को रोकना, मामला दर्ज करना, जांच करना और मुकदमा चलाना बुनियादी रूप से राज्य सरकारों से संबंधित है। ऐसे मामले कानून का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाती है।

ये भी पढ़े: CM योगी बने गुरु, मंत्रियों को सिखाये हाईटेक बनने के गुर

ये भी पढ़े: ICC प्लेयर ऑफ द मंथ के लिए इस खिलाड़ी का दावा मजबूत 

मालूम हो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों ने दूसरे धर्म में शादी के लिए धर्मांतरण के खिलाफ कानून को मंजूरी दी है। यूपी तो पहला ऐसा राज्य है, जहां कथित लव जिहाद को लेकर इस तरह का कानून लाया गया था।

इसके अलावा हरियाणा ने भी इसके खिलाफ कानून लाने की मांग की है। कुछ हिंदूवादी संगठन लगातार केंद्र सरकार से कथित लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की मांग करते रहे हैं।

दरअसल लव जिहाद हिंदूवादी संगठनों द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली शब्दावली है, जिसमें कथित तौर पर हिंदू महिलाओं को जबरदस्ती या बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम व्यक्ति से उसका विवाह कराया जाता है।

ये भी पढ़े:लाहौर, दिल्ली और ढाका में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण

ये भी पढ़े: सरकार को टिकैत का अल्टिमेटम-अक्टूबर तक नहीं माने तो 40 लाख…

हालांकि, कानून का बड़ी संख्या में दुरुपयोग भी देखने को मिल रहा है, खासकर अतंरधार्मिक युगलों के खिलाफ जो अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं।

उत्तर प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें आपसी सहमति अंतरधार्मिक विवाह करने वाले या करने जा रहे युगलों को न सिर्फ प्रताडि़त किया गया बल्कि जेल भी भेजा गया। ऐसे ही एक मामले में एक महिला का गर्भपात तक हो गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 लाने के बाद से राज्य में 14 केस दर्ज किए गए और 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें से 49 अभी जेल में हैं।

ये भी पढ़े:  संसद में किसान प्रदर्शन के मुद्दे पर 15 घंटे होगी बहस

ये भी पढ़े:  जाने क्यों राज्यसभा से निष्कासित किये गये AAP के तीनों सांसद

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com