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नई दिल्ली। मोदी सरकार एक साल के अंदर राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति जारी कर देगी। इस नीति के बनने के बाद इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन होने वाले कारोबार को विकसित करने में मदद मिलेगी। यह जानकारी ई-कॉमर्स कंपनियों सहित विभिन्न पक्षों के साथ लगातार दूसरे हुई बैठक के दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दी है।
एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय अगले 12 महीने के दौरान एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति लाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा। इसकी मांग करोबारी संगठन भी बहुत दिनों से कर रहे हैं। इसके लिए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने मंत्रालय को एक सुझाव और ज्ञापन भी सौंपा है।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वाणिज्य मंत्रालय ने फरवरी माह में राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का मसौदा जारी किया था। इसमें कारोबारियों के लिए संवेदनशील आंकड़ों एवं जानकारियों को लोकल स्तर पर जुटाने और उसका प्रसंस्करण करने तथा विदेशों में उसे रखने को लेकर नियम-शर्तें भी रखी गई थी।
इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन कारोबार करने वाली कई विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों ने नीति के मसौदे में दिए गए कुछ बिंदुओं को लेकर चिंता जताई थी।
बैठक में ई-कॉमर्स कंपनियों ने उठाए कई मुद्दे
बैठक में फ्लिपकार्ट, मेकमाईट्रिप, अमेजन, स्नैपडील, पेटीएम, ईबे, स्विगी और अन्य कंपनियां भी उपस्थित थीं। इस मामले में खुदरा और ई-कॉमर्स कंपनियों से मंत्री की एक बौर और बैठक होगी। जिसमें उनकी समस्याओं का आगे और समाधान हो सकेगा। इसके साथ ही ई-वाणिज्य कंपनियों ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े मुद्दे भी उठाए, जिसमें जीएसटी और छूट से जुड़े मुद्दे प्रमुख हैं।