जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश में 65 लाख से अधिक पेंशनर्स है जिनको पुरानी व्यवस्था लागू होने का इंतज़ार है, ऐसे में अगर आपको पता चले कि सरकार इसको लेकर क्या कर रही है तो हम आपको बताते है। यह ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन सिस्टम से जुड़ी सूचना है।
सरकारी कर्मचारी एवं पेंशनर्स पुरानी पेंशन व्यवस्था को ही श्रेष्ठ मानते हैं। इसे लेकर कर्मचारियों ने लंबा आंदोलन भी चलाया है। अब इस पर सरकार का महत्वपूर्ण जवाब सामने आया है।
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के दायरे में आने वाले केंद्र सरकार और राज्यों के सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा पुरानी पेंशन व्यवस्था में मिलती है।
इस मामले को लेकर जेसीएम के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है। उन्होंने सभी महकमों में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने को कहा है।
वित्त मंत्रालय ने शिवगोपाल मिश्रा को जवाब में कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़ देश के साभी राज्यों में एनपीएस लागू है। यह सरकार का एक नीतिगत निर्णय है। पुरानी पेंशन व्यवस्था के कारण सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ रहा था। पेंशन और विकास दोनों के बीच सामंजस्य बैठना था।
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एनपीएस को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित किया जाता है। मंत्रालय ने आगे कहा कि सिर्फ दोहराया जा रहा है कि पुरानी व्यवस्था को मौजूदा स्कीम में लागू नहीं कर सकते। पुरानी पेंशन स्कीम केंद्र सरकार की एक परिभाषित स्कीम रही है। वही एनपीएस अंशदायी योजना है।
इंडियन आर्मी को छोड़कर सभी मंत्रालयों और विभागों में एक जनवरी 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। 2009 में ये प्राइवेट कर्मचारियों के लिए भी शुरू हो गई। एनपीएस में रिटर्न मार्केट व्यवस्था पर निर्भर करता है। इसमें कितना रिटर्न मिलेगा उसकी गारंटी नहीं होती है। जबकि पुरानी पेंशन व्यवस्था में लाभ परिभाषित होता था।
जानें कैसे कर्मचारी चुन सकते हैं पुरानी पेंशन स्कीम
केंद्र सरकार ने एनपीएस छोड़कर पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ लेने की छूट दी है। इसमें सिर्फ 1 जनवरी 2004 से 28 अक्टूबर 2009 के बीच केंद्र सरकार या ऑटोनॉमस बॉडी में न्यू पेंशन स्कीम के तहत नियुक्त कर्मचारी ओपीएस का लाभ ले सकते हैं। उन्हें सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रुल्स 1972 के तहत विकल्प दिया गया है।
इसमें वह सभी सरकारी कर्मचारी आते है, जिन्होंने संस्था से इस्तीफे के बाद बताई अवधि में फिर ज्वॉइन कर लिया हो। वहीं ऐसे कर्मचारी जिन्हें वॉलंटियरी रिटायरमेंट लेना पड़ा हो।
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क्या हैं ओपीएस के फायदे?
- ओपीएस में पेंशन अंतिम ड्रॉन वेतन के आधार पर बनती थी।
- ओल्ड पेंशन स्कीम में महंगाई दर बढ़ने के साथ डीए भी बढ़ता था।
- सरकार जब नया वेतन आयोग लागू करती है, इसमें पेंशन बढ़ोत्तरी होती है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों का एक वर्ग जो पहली जनवरी 2004 के बाद शामिल हुए थे, वे पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बाजार से जुड़े नए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के बजाय लागू करने की मांग कर रहे हैं। इन केंद्र सरकार के कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए, वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एनपीएस एक पुरानी और पुरानी प्रतिस्थापन दर की तुलना में पुरानी पेंशन योजना प्रदान करेगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा एनपीएस को सुव्यवस्थित करने के लिए एक बढ़ते कॉर्पस, विवेकपूर्ण निवेश मानदंडों और सरकार के हालिया उपायों के साथ, ये उम्मीद है कि एनपीएस एक तुलनीय और सभ्य प्रतिस्थापन दर की दृष्टि से पुरानी पेंशन योजना प्रदान करेगा।
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