जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। सरकार ने देश में डिजीटल क्रांति की दिशा में अगला कदम उठाते हुए देश भर में सार्वजनिक वाई-फाई सेवा उपलब्ध कराने के लिए पीएम- वानी कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिया गया। इसके अलावा लक्षद्वीप समूह के 11 द्वीपों को 1072 करोड़ की लागत से समुद्री केबल के माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ने तथा अरुणाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों और असम के दो जिलों में 4जी सेवा शुरू करने का भी फैसला लिया गया।
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सरकार की योजना देश में बड़े स्तर पर वाई-फाई नेटवर्क तैयार करने की है, जिसका नाम PM- Wani (Wi-fi Access Network Interface) होगा। खास बात है कि इस पब्लिक वाईफाई का इस्तेमाल कोई भी कर सकेगा और इसके लिए किसी तरह का रजिस्ट्रेशन या फीस भी नहीं लगेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने बताया कैबिनेट ने पीएम- वाईफाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस लॉन्च करने का फैसला लिया है। देश में पब्लिक डेटा सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए कोई लाइसेंस, फीस या रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
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इस योजना के जरिए सरकार देश के कोने- कोने तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाना चाहती है और इसकी शुरुआत चाय की दुकानों और लोकल किराना स्टोर्स के साथ होगी।
यानी किसी भी प्रकार का बिजनेस करने वाले लोग एयरटेल, जियो या किसी दूसरे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) की सर्विस ले सकते हैं और अपनी जगह में पब्लिक WiFi नेटवर्क की सुविधा शुरू करा सकते हैं। ऐसे में जो भी व्यक्ति उनकी दुकान/बिजनेस पर आता है वह इस वाईफाई का इस्तेमाल कर सकेगा।
इस नेटवर्क को तैयार करने, मेनटेन करने, इससे जुड़ी शिकायतें के लिए और सब्सक्राइबर्स को ब्रॉडबैंड सर्विस की डिलिवरी के लिए एक पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) होगा। वाईफाई नेटवर्क के लिए एक एप भी तैयार किया जाएगा, जिसका इस्तेमाल यूजर रजिस्ट्रेशन, करीबी इलाके में वाईफाई नेटवर्क सर्च करने और इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए नेटवर्क नेम दिखाने का होगा।
सरकार के बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क डेवलप करने से न केवल रोजगार पैदा होगा, बल्कि छोटे और मझोले उद्यमियों की आय बढ़ेगी और देश की जीडीपी को बढ़ावा मिलेगा।
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