जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार जेलों की दशा सुधारने की दिशा में कई कदम उठाने जा रही है. सरकार सजायाफ्ता कैदियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देगी ताकि जेलों में बनाई गई वस्तुओं का बाज़ार में अच्छा दाम मिल सके और कैदियों की कमाई में इजाफा हो सके.
जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के मुलाक़ात मामले की लम्बे समय से शिकायतें मिल रही हैं. सरकार ने इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए यह फैसला किया है कि कैदियों की मुलाक़ात मामले को ऑनलाइन कर दिया जाए ताकि उसमें बेईमानी की संभावनाओं को खत्म किया जा सके और मुलाक़ात की प्रक्रिया नियमानुसार चल सके. इसके साथ ही सरकार ने जेल विभाग से सम्बंधित शिकायतों के समाधान के लिए एक टोलफ्री नम्बर जारी करने का फैसला भी किया है.
कारागार विभाग और होमगार्ड विभाग दोनों में बहुत जल्दी प्लास्टिक की बोतल का प्रयोग पूरी तरह से बंद कर दिया जायेगा. जेलों में बंद कैदियों को मिट्टी के बर्तन देने का फैसला भी सरकार ने किया है.
उत्तर प्रदेश के जेल राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने ऐसे गरीब कैदियों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है जिन पर अदालत ने मामूली अर्थदंड लगा रखा है लेकिन उसे अदा न कर पाने की वजह से लम्बे समय से कैदी जेलों में कैद हैं. अर्थदंड जमा न कर पाने वाले 135 कैदियों को बुधवार को जेल से रिहा कर सरकार ने इस प्रक्रिया की शुरुआत भी कर दी है.
जेल राज्यमंत्री ने जेल अधिकारियों से जेलों में रिक्त स्थानों को भरने के लिए प्रस्ताव पेश करने को कहा है ताकि जल्द से जल्द उन पदों को भरा जा सके. उन्होंने जेल अधिकारियों से कहा है कि प्रदेश की सभी जेलों में सुबह-सुबह गायत्री मन्त्र और महामृत्युंजय मन्त्र को प्रसारित करने को कहा है ताकि कैदियों को मानसिक शान्ति मिल सके.
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