देश की व्यवस्था पर बोझ बन चुके प्रशासनिक अधिकारियों की मुसीबत बढ़ने वाली है। ऐसे में केंद्र सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) ने अच्छा प्रदर्शन न करने वाले 1100 अधिकारियों की पहचान के लिए सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा की है।
आईएएस के 1,143 से अधिक आधिकारी जो 25 साल की सेवा पूरी कर ली है या 50 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके हैं उनकी कड़े मापदंडों पर समीक्षा हुई है। इनमें चार अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त करने की सिफारिश की गई है।
अधिकारियों ने कहा कि, अखिल भारतीय सेवाओं के डेथ-कम-रिटायरमेंट बेनेफिट्स नियम, 1958 के तहत 2015 से 2018 के दौरान अच्छा प्रदर्शन न करने वाले नौकरशाहों की पहचान करने के लिए आईएएस अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा की गई है।
इन नियमों के मुताबिक, संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से केंद्र किसी आईएएस अधिकारी को लिखित रूप में कम से कम तीन महीने पूर्व नोटिस या तीन महीने के वेतन और ऐसे नोटिस के बदले भत्ते देकर सार्वजनिक हित में सेवानिवृत्त होने को कह सकता है।
छत्तीसगढ़ कैडर के दो, बिहार के एक और अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम व केंद्र शासित प्रदेशों के कैडर के एक अधिकारी को समय पूर्व सेवानिवृत्ति करने की सिफारिश की गई है। हालांकि, इनके नाम का खुलासा नहीं हुआ है।
कार्मिक विभाग के अनुसार, देश में 5,104 आईएएस अधिकारी काम कर रहे हैं। ऐसे कई राज्य हैं जिन्होंने केंद्र के कहने के बावजूद अपने यहां तैनात अधिकारियों के कार्य की समीक्षा नहीं की।
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वही वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तराखंड ने 25 साल की सेवा के संबंध में अधिकारियों के रिकॉर्ड की समीक्षा नहीं की है।