जुबिली न्यूज डेस्क
समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई)पर केंद्र सरकार ने भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने पीटीआई को एक नोटिस भेजकर 84.48 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करने को कहा है।
बेवसाइट स्क्रॉल की रिपोर्ट के अनुसार आवास एवं शहरी मंत्रालय के तहत लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने सात जुलाई को पीटीआई को यह नोटिस भेजा गया, जिसमें दिल्ली में अपने कार्यालय के उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है।
इस नोटिस में कहा गया है कि प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर लिखित में देना होगा कि वे जमीन का दुरुपयोग और इसे क्षति पहुंचाए जाने की वजह से जुर्माने का भुगतान करेंगे।
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मालूम हो कि केंद्र सरकार का यह नोटिस राष्ट्रीय प्रसारक प्रसार भारती की उस चेतावनी के बाद आया है, जिसमें राष्ट्रीय प्रसारक ने राष्ट्रविरोधी कवरेज को लेकर पीटीआई को दी जाने वाली वित्तीय सहायता रोकने की बात कही थी।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि समाचार एजेंसी को गैर न्यायिक स्टांप पेपर पर हलफनामा देना होगा और बताना होगा कि एक अप्रैल 2016 से पूर्व प्रभावी संशोधित जमीन दरों के हिसाब से जमीन के गलत इस्तेमाल/नुकसान शुल्क की अदायगी करेगी। इसके साथ ही एजेंसी ने जो भी उल्लंघन किए हैं, उन्हें 14 जुलाई तक दूर करेगी या शुल्क का भुगतान कर इन्हें नियमित करेगी।
लैंड एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने कहा कि अगर पीटीआई ने इस जुर्माना राशि का तय समय के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो इस पर अतिरिक्त 10 फीसदी का जुर्माना भी जोड़ा जाएगा।
नोटिस में कहा गया, ‘लीज डीड को लेकर धनराशि का पूर्ण भुगतान करना होगा और ऑफिस परिसर का इस्तेमाल मास्टर प्लान के तहत किया जाएगा। अगर पीटीआई ने शर्तों का पालन नहीं किया तो रियायत वापस ले ली जाएगी।
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नोटिस के अनुसार, 14 जुलाई 2020 तक अस्थायी रूप से दिल्ली कार्यालय के परिसर में हुए उल्लंघनों को सुधारना होगा और तय शर्तों को इस नोटिस के जारी होने की तारीख के 30 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाना चाहिए अन्यथा परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।Ó
मालूम हो कि केंद्र सरकार का यह नोटिस राष्ट्रीय प्रसारक प्रसार भारती की उस चेतावनी के बाद आया है, जिसमें राष्ट्रीय प्रसारक ने राष्ट्रविरोधी कवरेज को लेकर पीटीआई को दी जाने वाली वित्तीय सहायता रोकने की बात कही थी।
बता दें कि पीटीआई द्वारा चीन में भारतीय राजदूत का साक्षात्कार करने के बाद उनके बयान प्रसारित करने पर प्रसार भारती ने समाचार एजेंसी पीटीआई को ‘देशद्रोही’ कहते हुए उनसे सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी थी।