जुबिली न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में अब सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकेंगे। सोमवार को हरियाणा सरकार ने 1967 और 1980 में जारी उन दो आदेशों को वापस ले लिया, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर रोक थी।
हरियाणा सरकार के इस कदम की विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए पूछा कि क्या मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ‘भाजपा-आरएसएस की पाठशाला’ चला रही है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश को टैग कर आरएसएस के प्रचारक रह चुके सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया, ”अब हरियाणा के कर्मचारियों को संघ की शाखाओं में भाग लेने की छूट। सरकार चला रहे हैं या भाजपा-आएसएस की पाठशाला।”
अब हरियाणा के कर्मचारीयों को “संघ” की शाखाओं में भाग लेने की छूट ।
सरकार चला रहे हैं या भाजपा-RSS की पाठशाला! pic.twitter.com/2SNpHXj0wR
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 11, 2021
सोमवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी आदेश में कहा, ”हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारी आचरण) नियम, 2016 के प्रभाव में आने के साथ, दिनांक 2.4.1980 और दिनांक 11.1.1967 के सरकारी निर्देश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया जाता है क्योंकि वे अब प्रासंगिक नहीं हैं।”
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अप्रैल 1980 में हरियाणा के मुख्य सचिव के कार्यालय के तत्कालीन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों से किसी भी तरह के जुड़ाव से रोक दिया था।
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इससे पहले साल 1967 में हरियाणा में मुख्य सचिव कार्यालय की राजनीतिक एवं सेवा शाखा ने एक निर्देश जारी कर कहा था कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल सोमवार को जारी नए आदेश ने इन दो आदेशों को रद्द कर दिया है। मनोहर लाल खट्टर 2014 में तब मुख्यमंत्री बने जब बीजेपी ने पहली बार हरियाणा में अपने दम पर सरकार बनाई। राज्य में सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने से रोकने के निर्देश अब तक लागू थे।