न्यूज डेस्क
मोदी सरकार 2.0 की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 17वीं लोकसभा का पहला बजट पेश करेंगी। पूरे देश की निगाहें इस बजट पर लगी हुई हैं। खास कर सरकारी कर्मचारियों के लिए ये बजट काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा सकती है।
दरअसल, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) प्रोफेसर केवी सुब्रमण्यन ने आर्थिक सर्वेक्षण में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाए जाने का प्रस्ताव दिया है। सर्वे के मुताबिक, जीवन क्षमता बढ़ने और फर्टिलिटी रेट घटने की वजह से 2031-41 के बीच भारत की आबादी 0.5 फीसदी बढ़ जाएगी।
ऐसे में यह संभावना मजबूत है कि रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़ाई जा सकती है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री बजट पेश करने के दौरान इसके बारे में स्थिति साफ कर सकती हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार के मुताबिक, लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है इसलिए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दी जाए।
जनसंख्या प्रवृत्ति के बारे में आर्थिक समीक्षा में बुजुर्ग आबादी के लिए तैयारी की जरूरत पर बल दिया गया है। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश में वृद्धि के साथ चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित किया गया है।
संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करते हुए फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की अनदेखी ज्यादा दिनों तक नहीं हो सकती। मुमकिन है कि आज से 10 साल बाद ये बदलाव कर दिए जाएं। लिहाजा इसके लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी जाए। सर्वे में यह भी कहा गया है कि वे रिटायरमेंट और दूसरे रिटायरमेंट प्रोविजन के प्लान में मदद करेंगे।
महिला और पुरुष की जीवन क्षमता लगातार बढ़ने की वजह से रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार हो रहा है। बुजुर्गों की आबादी बढ़ने और पेंशन फंड पर लगातार दबाव बढ़ने के कारण कई देशों में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दी गई है।