जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद उनके गृहजनपद गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से बच्चो की मौत के मामले में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान को ज़िम्मेदार ठहराते हुए नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. डॉ. कफील की बर्खास्तगी की चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने पुष्टि कर दी है.
डॉ. कफील खान मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि कफील ने हाईकोर्ट में अपने निलंबन को चुनौती दी थी. यह मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीम है. हाईकोर्ट ने अभी यही तय नहीं किया है कि सरकार ने उन्हें सही निलंबित किया था या गलत लेकिन हाईकोर्ट के फैसले से पहले सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला ले लिया.
डॉ. कफील खान मामले में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि अगस्त 2017 में बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में आक्सीजन की कमी की वजह से कई बच्चो की मौत हो गई थी. बच्चो की मौत के बाद जब हंगामा मचा था उस दौर में डॉ. कफील हीरो की तरह से उभरे थे. डॉ. कफील के हीरो की तरह से उभरने का कारण यह था कि उन्होंने अपने स्तर से बच्चो को बचाने के लिए कुछ आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया था.
सरकार ने उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया. उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई और उन्हें डीजीएमई के दफ्तर से अटैच कर दिया गया. उनकी जो जांच रिपोर्ट आई उसे लोक सेवा आयोग को भेजा गया. जिसके बाद आयोग ने उन्हें बर्खास्त करने का फैसला किया.
डॉ. कफील का इस मुद्दे पर कहना है कि निलंबन मामले में हाईकोर्ट ने सात दिसम्बर की तारीख तय की है. उन्हें बर्खास्तगी के बारे में कोई सूचना ही नहीं है. अगर बर्खास्तगी का फैसला सही है तो वह इसे कोर्ट में चैलेन्ज करेंगे.
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