न्यूज डेस्क
जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज मुहम्मद सईद, मुंबई आतंकी हमले के आरोपी जकी-उर-रहमान-लखवी और भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम को भारत सरकार ने नये आतंक-विरोधी कानून के तहत आतंकवादी घोषित कर दिया।
संसद द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून 1967 में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दिए जाने के करीब एक महीने बाद सरकार ने यह निर्णय लिया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक नए कानून के तहत वे सबसे पहले आतंकवादी घोषित किए गए हैं।
गृहमंत्रालय ने इन चारों को आतंकवादी घोषित करनें के लिए कई आतंकवादी घटनाओं का हवाला दिया है।
अजहर के लिए मंत्रालय ने 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर पर हमला, 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयर बेस पर हमला और 2017 में श्रीनगर में बीएसएफ कैंप पर हमला और 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के एक बस पर हमले का हवाला दिया।
इसके अलावा मंत्रालय ने तर्क दिया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र ने एक मई, 2019 को अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। वहीं विशेष न्यायाधीश, नयी दिल्ली द्वारा उसे भगोड़ा घोषित किया गया था।
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गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है कि मौलाना मसूद अजहर आतंकवाद में शामिल रहा है और उसे आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए।
सईद के बारे में भी गृह मंत्रालय ने 2000 में लाल किला, रामपुर (उत्तर प्रदेश) में सीआरपीएफ शिविर, 2008 में मुंबई हमले का हवाला दिया। मालूम हो कि मुंबई आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे। मंत्रालय ने यह भी कहा कि जमात-उद-दावा के संस्थापक सईद को भी संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।
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लश्कर कमांडर लखवी के बारे में मंत्रालय ने कहा कि वह 2000 में लाल किला, 2008 में रामपुर सीआरपीएफ कैंप, 2008 में मुंबई और जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ के काफिले सहित कई हमलों में शामिल था। लश्कर को आतंकवादी गतिविधियां (रोकथाम) कानून 1967 की पहली अनुसूची के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था।
इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर, 2008 को लखवी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।
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दाउद इब्राहिम के बारे में गृह मंत्रालय ने कहा कि वह एक अंतरराष्ट्रीय अंडरवल्र्ड अपराध सिंडिकेट चलाता है और वह भारत तथा विदेशों में बेनामी रियल एस्टेट कारोबार चलाने के अलावा धार्मिक कट्टरवाद, आतंकवाद के वित्तपोषण, हथियारों की तस्करी, जाली मुद्रा का कारोबार, धनशोधन, जबरन वसूली जैसे कृत्यों में भी लिप्त रहा है।
वह आम आदमी को आतंकित करने तथा सामाजिक सौहार्द्र को बिगाडऩे के लिए प्रमुख हस्तियों की हत्या के प्रयासों में भी शामिल था। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र ने दाऊद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था।
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