जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली : केंद्र सरकार आईटी अधिनियम के तहत सोशल मीडिया दिग्गजों को मिलने वाली छूट की समीक्षा कर रही है। इसके पीछे वजह है कि इन प्लेटफॉर्म्स की तरफ से चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मैटिरियल, गलत सूचना और धार्मिक उकसावे वाली सामग्री हटाने से इनकार करना और एल्गोरिदम मिसमैनेजमेंट शामिल है। इससे यूजर को भारी नुकसान पहुंचता है। केंद्रीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी इंटरमीडरी गाइडलाइन्स के प्रावधानों को लागू करने की योजना बना रही है। यह फेसबुक, एक्स (पहले ट्विटर), इंस्टाग्राम, यूट्यूब और Google को भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दंड के लिए आपराधिक रूप से उत्तरदायी बनाएगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से सरकार नाराज
बाल शोषण से संबंधित सामग्री पर आधिकारिक नोटिस का पालन करने से इनकार करने और तीसरे पक्ष की सामग्री के प्रसारण पर कानून की धारा 79 के तहत गारंटीकृत ‘सेफ हार्बर’ के पीछे शरण लेने के लिए सरकार विशेष रूप से कुछ प्लेटफार्मों से नाराज है। केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि मंत्रालय ने YouTube (Google के स्वामित्व वाले), 2021 के आईटी इंटरमीडरी गाइडलाइन्स के तहत विशेष रूप से उन प्लेटफार्मों से छूट को खत्म कर देंगे जो आपत्तिजनक सामग्री के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहते हैं। यह कदम ऐसे समय में आया है जब कई अमेरिकी राज्य बच्चों को ए़डिक्ट बनाकर ‘यूथ मेंटल हेल्थ क्राइसिस’ को बढ़ाने के लिए मेटा प्लेटफॉर्म और इसकी इंस्टाग्राम यूनिट पर मुकदमा कर रहे हैं।
सरकार तुरंत कसेगी नकेल
मंगलवार को दायर एक शिकायत में, कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सहित 33 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि मेटा, जो फेसबुक भी संचालित करता है, ने बार-बार अपने प्लेटफार्मों के खतरों के बारे में जनता को गुमराह किया। उसने जानबूझकर युवाओं को प्रेरित किया। बच्चे और किशोर नशे की लत और बाध्यकारी सोशल मीडिया का यूज कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया अधिनियम, जो मौजूदा आईटी अधिनियम की जगह लेगा, में इस मुद्दे पर विशिष्ट प्रावधान होंगे। सरकार तुरंत कंपनियों पर नकेल कसने के लिए कदम उठाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि सीएसएएम एक क्लासिक मामला है, जहां गंभीर मुद्दों और सरकारी नोटिस के बावजूद, प्लेटफार्मों ने बहुत असंतोषजनक प्रतिक्रिया दी है। इसलिए, धारा 79 के तहत छूट को हटाने के लिए नियम 7 शामिल हो सकता है।
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यूट्यूब के रिएक्शन से सरकार निराश
उन्होंने कहा कि यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म ने सीएसएएम के मुद्दे पर सरकार के नोटिस पर ‘बहुत खराब’ प्रतिक्रिया दी है। मंत्री ने कहा कि बाल यौन शोषण सामग्री जैसे गंभीर और गंभीर पहलुओं पर भी यूट्यूब की प्रतिक्रिया से हम बेहद निराश हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले पर ‘जीरो टॉलरेंस’ बरतने की जरूरत है। चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार इस मामले में साफ कह चुकी है कि सभी प्लेटफार्मों सोशल मीडिया और अन्य इंटरनेट प्लेटफार्मों का यूज करने वाले लाखों भारतीय ‘डिजिटल नागरिकों’ की भलाई के लिए जवाबदेह होने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने लगभग पिछले ढाई वर्षों से इस पहलू पर जोर दिया है। हम अपने डिजिटल यूजर्स के लिए सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने और प्लेटफार्मों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के बुनियादी सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह कुछ ऐसा है जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उजागर किया है।